कोरबा@M4S:35 साल से ग्रामीण अपने गांव से मुख्य मार्ग तक पांच किलोमीटर तक सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं। इसे प्रशासन की अनदेखी कहें कि सड़क विहीन ग्रामीणों को आवाजाही आसान हो सके। इसके लिए ग्रामीण हर साल बारिश के दिनों में श्रमदान कर कच्ची सड़क बनाते हैं।
मामला पाली विकासखंड ग्राम पंचायत सपलवा के आश्रित ग्राम डिंदपहरी का है। छिंदपहरी से सपलवा मुख्य मार्ग लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव में लगभग 50 परिवार निवास करते हैं। लेकिन इस गांव तक विकास कार्य अब भी दूर है। गांव से आवाजाही के लिए ग्रामीणों के लिए एक ही मार्ग है। लेकिन यह भी सड़क कच्ची है। हर साल बारिश के मौसम में पहाड़ और वर्षा के पानी के बहाव में कच्ची सड़क बह जाती है। सड़क पर पत्थर और कीचड़ हो जाता है। इस दौरान आवाजाही मुश्किल हो जाता है।ग्रामीणों को जंगल से होकर आवाजाही करना पड़ता है। क्षेत्र भालू सहित अन्य जंगली जानवरों से प्रभावित है। कुछ वर्ष पहले भालू ने दो ग्रामीणों पर हमला भी किया था। इसके बाद से लोग जंगल से आने-जाने से बचते हैं। लेकिन प्रशासन से किसी तरह की पहल नहीं की जा रही है। ऐसे में इस समस्या से निपटने और ग्रामीण लोगों की आवाजाही की सुविधा के लिए खुद ही श्रमदान कर हर साल कच्ची सड़क बनाते हैं। यह स्थिति लगभग 35 साल से चल रही है। लेकिन प्रशासन इसे लेकर गंभीर नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बारिश से पहले प्रशासन का ध्यान सड़क विहीन गांव में पक्की सड़क निर्माण की मांग की जाती है। प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है।
सड़क नहीं बना पाया प्रशासन, ग्रामीण कर रहे श्रमदान
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