बालको नगर में संत शिरोमणि कबीर साहेब की जयंती पर ली गई संविधान सुरक्षा की शपथ

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कोरबा@M4S:राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के घटक संगठन मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा द्वारा बालको नगर जिला कोरबा छ ग के मूलनिवासी एम 3 कार्यालय प्रांगण में भारतीय संविधान सुरक्षा अभियान के तहत संत शिरोमणि कबीर साहेब की पावन जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में कबीर साहेब के जयकारा लगाकर उनके छाया चित्र पर प्रमुख अतिथि मोर्चा के गोपाल ऋषिकर भारती,केंद्रीय प्रतिनिधि अजय चेट्टी,प्रदेश सचिव विजय मांझी,केंद्रीय कार्यालय सचिव क्रांति कुमार साव, संभागीय अध्यक्ष वासुदेव साहु, प्रदेश सचिव स्मृति जॉन,बालको अध्यक्ष प्यारेदास महंत ,उपाध्यक्ष रूपा महिलांगे,कोषाध्यक्ष गायत्री साहू ,महासचिव शीतला साहू,संभागीय सचिव रानी रविदास,बालको सचिव संतोषी परिक,बालको महिला सचिव शीतला रानी, मंजु ,ललिता के साथ सभी उपस्थित लोगों ने फूलमाला एवं केंडल जलाकर स्वागत किए।तत्पश्चात सभी ने अपने स्थान पर खड़े होकर भारतीय संविधान प्रस्तावना की शपथ लेकर कबीर साहेब का जयकारा करके भारत के संविधान एवं भारत देश जिंदाबाद के जोरदार नारे लगाए।मुख्य वक्ता गोपाल भारती ने अपने उदबोधन में कहा कि भारत ही नहीं तो सारे विश्व के महापुरषों की पवित्र वाणी एवं सारे विश्व के धर्मग्रंथों और संविधानों का सारतत्व को संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ आंबेडकर ने संविधान में लिख दिया है जो भारत देश का अब कानून बन चुका है।भारत का संविधान विश्व का महानतम संविधान है जो सबको समता ,स्वतंत्रता ,न्याय और सम्मान के साथ जीने के अधिकार देता है।इसलिए हमारे मोर्चा के नारे हर हर संविधान घर घर संविधान के तहत सभी घरों ,मंदिर,मस्जिद,गुरुद्वारे,चर्च या धार्मिक हो या शासकीय स्थल हो सभी को मिलकर इसकी सुरक्षा की शपथ हो सके। प्रतिदिन परिवार मित्रों सहित हमेशा लेते रहना चाहिए। संवैधानिक जीवन पद्धति को अपने जीवन का आधार ना बनाने से भारत देश में अपराध और अराजकता फैल रही है।हर कोई अपने जात धर्म और धर्म ग्रंथों के हिसाब से चलना चाहते हैं।हर जात अब अपनी जात को ऊंच और दूसरों को नीच बनाने के कारण समाज में अत्यधिक असंतुलन पैदा हो रहा है।जबकि जातिभेद लिंग भेद ,छुआछूत,चोरी तथा मजदूर किसानों ,महिलाओं पर जघन्य अत्याचार,शोषण,गुलामी और बलात्कार , जमाखोरी अश्लीलता सभी पुराने नियमों को संविधान के अपराध घोषित कर दिया गया है।यही कारण है कि देश के पूंजीवादी सामंतवादी अपराधी तत्व भारत के संविधान की ही खत्म करने की आए दिन साजिशे करते हैं। खासकर सत्ता में सामिल देशद्रोही जब इस तरह के घातक कार्य *करते* हैं तब देश की एकता अखंडता और सामाजिक सदभाव पर इसका गहरा असर पड़ता है। इसलिए अब सीधे आम जनता को ही संविधान की सुरक्षा करने का संकल्प लेकर देश और मानवता को बचाना होगा।

हमारे धर्म,राजनीति,पूजा पाठ,नित्य कर्म और आस्थाओं को भारत के संविधान से जोड़ना होगा।राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा द्वारा पिछले 5 वर्षों से अनवरत इस मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया गया है। जिसके कारण सभी राजनैतिक पार्टियों को इसे अपना मुद्दा बनाना पड़ा है।यदि दुनिया में अब कोई भगवान होना है तो समझो भारत का संविधान ही विश्व का आखिरी भगवान,गुरु,मित्र,या मार्गदर्शक माना जाना चाहिए।इसमें समग्र क्रांति और विकास की अद्भुत शक्ति है जिससे भारत सहित विश्व में परम शांति स्थापित हो सकती है।बसरते सत्ता पर बैठे शासक देश और मानवता के प्रति निष्ठावान,शिलवान और प्रज्ञावान हो।बाबा साहब अंबेडकर ने पहले ही कह दिया था कि संविधान कितना ही अच्छा हो यदि शासन करने वाले लोग अच्छे नहीं होंगे तो संविधान बुरा साबित होगा।यदि संविधान बुरा भी हो और शासन चलाने वाले अच्छे लोग हैं तो संविधान अच्छा साबित होगा।

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