तेंदू पत्ता संग्रहण पर पड़ रही मौसम की मार,संग्राहकों की बढ़ी टेंशन  कभी धूप तो कभी हल्की बारिश के कारण पत्ते हो रहे गुणवत्ताहीन

- Advertisement -

कोरबा@M4S:तेंदूपत्ता के संग्रहण पर मौसम की मार पड़ रही है। कभी धूप तो कभी हल्की बारिश के कारण पत्ते गुणवत्ताहीन हो रहे हैं। कुछ दिन पहले हुई बारिश और तेज आंधी से तेंदूपत्तों को नुकसान पहुंचा है। पत्ते कट-छट गए हैं। इस कारण उन्हें इसकी बिक्री करने में परेशानी हो रही है। इससे परेशान सोसायटी ने दो दिन तक पत्ता नहीं खरीदने का निर्णय लिया है।
कोरबा और कटघोरा वनमंडल में तेंदूपत्ता की खरीदी लघु वनोपज समितियां कर रही है। कटघोरा वनमंडल में 44 समितियां यहां से 76 हजार 300 बोरी पत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। वहीं कोरबा वनमंडल में 38 समितियां खरीदी कर रही हैं। इन्हें 53 हजार 800 मानक बोरी पत्ता खरीदने का लक्ष्य दिया गया है।मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच जिले में तेंदूपत्ता को तोडऩे की मुहिम शुरू हो गई है। ग्रामीण रोजाना जंगल से तेंदूपत्ता को तोड़ रहे हैं और इसे बंडल बनाकर शाम को खरीदी केंद्रों में लेकर पहुंच रहे हैं। इस बार तेंदू के पेड़ों में पत्ते पिछले साल की तुलना में कम आए हैं। इससे कई ग्रामीण परेशान हैं। उन्हें पत्ता नहीं मिल रहा है। इस बीच कई पेड़ों में पत्ता नरम है इसे खरीदने वाली समितियों ने संग्राहकों को दो-तीन दिन तक इंतजार के बाद ही तेंदूपत्ता तोडऩे की सलाह दी है। संग्राहकों ने बताया कि पिछली सरकार ने तेंदूपत्ता का एक मानक बोरी संग्रहण करने पर 4000 रुपए मिलता था। अब यह राशि बढक़र 5500 रुपए हो गई है। इससे गांव के लोग खुश हैं। तेंदूपत्ता के संग्रहण में लोगों की रूचि बढ़ रही है। सीजन में प्रतिदिन लोग जंगल में जाकर तेंदूपत्ता तोड़ते हैं और 50-50 पत्तों की गड्डी बनाकर बेचने के लिए सहकारी समितियों के पास आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदूपत्ता खरीदने का कार्य 10 से 15 दिनों तक ही होता है। इस अवधि में ग्रामीणों को पत्ता तोडऩे और इसे बेचने के बाद कुछ पैसे मिल जाते हैं इससे उनकी अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!