कोरबा@M4S:जिले के वन मंडल में हाथी अलग-अलग झुंड में घूम रहे हैं। रबी की फसल पकने के कारण किसान खेत की तरफ जा रहे हैं। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जंगलों की ओर पहुंच रहे हैं। इससे हाथियों के हमले का डर भी बना हुआ है। सरकार द्वारा तेंदूपत्ता की दर साढ़े 5 हजार रुपए मानक बोरा किए जाने के बाद तेंदूपत्ता संग्राहक बढ़े हैं। ऐसी हालत में हाथी और ग्रामीणों के बीच संघर्ष की स्थिति है।
फॉरेस्ट विभाग हाथियों को रोकने के कारगर उपाय नहीं कर पा रहा है। ग्रामीण एवं हाथी की सुरक्षा के लिए गांव में मुनादी बैठक लेकर ड्रोन से लोकेशन की जानकारी से लोगो को सावधान किया जा रहा है। इस सब उपाय को करने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है। रबी की फसल पक रही है। फसल की कटाई चल रही है। दोपहर के वक्त तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण किसान सुबह ही खेतों की तरफ चले जाते हैं। सुबह फसल कटाई कर लौटते हैं। यही वक्त हाथियों का भी घने जंगल से बाहर निकलने का होता है। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण चल रहा है। कुछ लोग डरकर बाहर नहीं निकलते जबकि कुछ लोग जान जोखिम में डालकर निकलते हैं। उनके लिए आय का यही जरिया है।
हाथियों के विचरण से हमले का मंडरा रहा खतरा
- Advertisement -