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कोरबा@M4S: तेज गर्मी पड़ने लगी है। ऐसे में ट्रेनों के इंजन और ब्रेकयान भभकने लगे हैं। लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और ट्रेन मैनेजरों की हालत गर्मी की वजह से खराब होने लगी है। इस संबंध में कई बार आंदोलन किया गया, लेकिन राहत अब तक नहीं मिली। तापमान बढ़ने लगा है। 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ट्रेन में अंदर इसका तापमान और बढ़ जाता है। इसका खासा असर ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और ट्रेन मैनेजरों पर पड़ने लगा है। ज्यादा परेशानी मालगाड़ी में हो रही है। गर्मी बढ़ने के साथ यह परेशानी भी बढ़ेगी।भारतीय रेलवे में लगभग 12 हजार लोको हैं। इनमें से मात्र 20 फीसदी में ही एसी लगी है। इसमें भी ज्यादातर खराब बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वर्तमान में जो जी-9 लोको आ रहा है उसमें एसी इनबिल्ट है। जबकि जी-7 व अन्य में यह नहीं है। कुछ में लगाए गए थे, लेकिन यह परीक्षण सफल नहीं रहा। एलएचबी रेक में भी परेशानी कम नहीं। एलएचबी कोच वाली रेक में भी लोको तो पुराना ही होता है इसलिए लोको पायलट को राहत नहीं मिलती । ट्रेन मैनेजरों को एक तरफ ही राहत मिलती है।