उड़ेगा गुलाल, खूब जमेगा होली का रंग, रंगोत्सव की छाएगी धूम  पर्व को लेकर लोगों में भारी उत्साह, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की खास नजर

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कोरबा@M4S: सोमवार 25 मार्च को शहर से लेकर गांव तक होली पर्व की धूम रहेगी। लोगों में होली पर्व को लेकर गजब का उत्साह है। बाजार में भी रौनक बनी हुई है। ऊर्जाधानी में रविवार को जगह-जगह होलिका दहन की तैयारी है। इसके पहले सुबह से ही होलिका की पूजा करने पहुंची महिलाओं ने परिक्रमा कर फूल, अक्षत, रोली अर्पित किए। शहर से लेकर उपनगर दीपका, बांकीमोंगरा, कुसमुंडा, दर्री, जमनीपाली, हरदीबाजार समेत अन्य जगहों पर रंगों का बाजार सजा है, जहां पर सामान खरीदने लोग पहुंच रहे हैं। जिले की शांति व्यवस्था कायम रहे इसके लिए पुलिस ने भी पुख्ता तैयारी कर रखी है। पर्व की आड़ में हुड़दंग मचाने वालों की खैर नहीं रहेगी। इसके लिए पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी क्षेत्र में नजर बनाई हुई है।
जिले के शहर समेत उपगनर व अंचलों में जगह-जगह होलिका दहन की तैयारी रविवार की सुबह से ही कर ली गई थी। शुभ मुहूर्त में विशेष पूजा के बाद देर शाम होलिका जलाई गई। आज 25 मार्च को रंगों का पर्व होली खेली जाएगी।
इधर नगाड़ों की धुन सुनाई देने लगी है। फाग गीतों से पर्व को लेकर गांवों में उत्साह दोगुना हो गया है। होलिका की पूजा के लिए महिलाएं दहन स्थल पर पंहूची थी। अक्षत, फूल, रोली, गंध अर्पित किया। इसके बाद सात बार परिक्रमा करते हुए होलिका में कच्चा सूत लपेटा गया और जल, नारियल और अन्य पूजा सामग्री होलिका को अर्पित किया। 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। बाजार में कई वैरायटियों के पिचकारी उपलब्ध हैं। युवाओं में हर्बल रंगों की डिमांड है। होली पर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। इसी में से एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को मारने उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया था कि वह प्रहलाद को लेकर जलती हुई चिता पर बैठ जाए। चूंकि होलिका को भगवान ब्रम्हा ने अग्नि में ना जलने का वरदान दिया था। लेकिन भगवान विष्णु की अनन्य भक्ति के कारण अग्नि में होलीका जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद सकुशल बच गए। इसी दिन को होलिका दहन के रूप में मनाते हैं।


बच्चों की पहली पसंद चश्मे वाली पिचकारी
इस बार होली पर बच्चों के लिए खास चश्मा बाजार में है। इस चश्मे में ही पिचकारी है। इसमें एक छोटी टंकी है, जिसमें रंग भर कर पुश करने पर चश्मे के फ्रेम से रंग निकलता है, जो बच्चों को खूब आकर्षित कर रहा है। इस बार गुलाल भी हाथों से नहीं, पिचकारी से खेलें। बाजार में कई प्रकार की गुलाल वाली पिचकारी मौजूद है, जिसमें गुलाल डालकर किसी पर छोड़ सकते हैं। इसमें छोटे और बड़े दोनों आकार की पिचकारी हैं।

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