नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। अचानक दिए गए इस्तीफा को लेकर अब कई बातें भी जो रही हैं आखिर ऐन चुनाव के वक्त उन्होंने यह कदम क्यों उठाया जबकि उनका कार्यकाल २०२७ तक था। लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले एक चौंकाने वाले कदम में चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल २०२७ तक था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। निर्वाचन आयोग में पहले से ही चुनाव आयुक्त का एक पद खाली था। चुनाव आयुक्त अनुप चंद्र पांडे इस साल फरवरी में सेवानिवृत्ति हुए थे। अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं। बता दें कि भारतीय निर्वाचन आयोग में चीफ इलेक्शन कमिश्नर के अलावा दो इलेक्शन कमिश्नर होते हैं। अब चुनावी व्यवस्था का पूरा जिम्मा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के कंधों पर आ गया है। चुनावी तैयारियों के लिए कई राज्यों के दौरे पर अरुण गोयल मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ-साथ रहे। अब उन्होंने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय की इस संबंध में शनिवार को जारी एक गजट अधिसूचना में कहा गया, च्राष्ट्रपति ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जो ०९ मार्च, २०२४ से प्रभावी माना जाएगाज्। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, २०२३ की धारा ११ के खंड (१) के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त, किसी भी समय राष्ट्रपति को लिखित रूप में इस्तीफा सौंपकर अपना पद छोड़ सकता है।