रायपुर@M4S:कोरबा जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन प्रसाद भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है। पिछली कांग्रेस की सरकार में कोरोना काल के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बिना निविदा सामग्री खरीदने के मामले में उनका यह निलम्बन हुआ है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किए जाने की बात कहते हुए जिन चार जिलों के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों को सदन में ही निलंबित करने की घोषणा की है उनमें कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में कहा कि करीब ३६ करोड़ रुपए की खरीदी हुई है। जो छूट लेनी चाहिए थी, वह छूट नहीं ली गई। नियमों का पालन नहीं किया गया. सूरजपुर, मुंगेली, बीजापुर, कोंडागाँव जैसे जिलों में खरीदी की गई। सूरजपुर ज़िले में ११ करोड़ ३६ लाख, मुंगेली में ९९ लाख ९५ हज़ार, बस्तर में २० करोड़ ४७ लाख, बीजापुर में ५५ लाख ४ हजार और कोंडागाँव में ३ करोड़ रुपए की ख़रीदी की गई थी। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की गई है उनमें विनोद राय (तत्कालीन डी ई ओ सूरजपुर) जिला, जी.पी भारद्वाज ( तत्कालीन डी ई ओ मुंगेली), भारती प्रधान, प्रमोद ठाकुर ( तत्कालीन डी ई ओ बीजापुर) शामिल हैं। बताते चलें कि कोरबा जिले में भी जी.पी भारद्वाज का कामकाज विवादों से घिरा हुआ है। शिक्षकों की पदोन्नति में बड़ी गड़बड़ियों को लेकर वे ज्यादा सुर्खियों में रहे। २०२१ से २०२३ तक की मांगी गई है जानकारी बिलासपुर संभाग के स्कूलों में स्कूल शिक्षा विभाग को प्राप्त राशि के संबंध में विधायक राजेश मूणत ने प्रश्न लगाया। इसमें उन्होंने पूछा है कि शिक्षा विभाग को १ जनवरी २०२१ से ३० नवंबर २०२३ तक डीएमएफ से कितनी राशि प्राप्त हुई। कितना व्यय हुआ और कितनी राशि शेष है। इसके साथ ही स्कूलों में कितनी राशि से किस फर्म को फर्नीचर प्रदान करने आदेश दिया। इसके लिए शिकायत हुई तो क्या कार्रवाई की गई,जिसका जवाब नहीं दे सके हैं।