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वन कर्मियों की बेमियादी हड़ताल दूसरे दिन भी रही जारी
कोरबा@M4S:जिले के कटघोरा व कोरबा वनमंडल के लगभग 270 से अधिक वन कर्मचारी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जंगल की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसके अलावा हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है। दूसरे दिन भी कर्मी हड़ताल पर डटे रहे। हड़ताल लंबी खींची तो परेशानी और बढ़ सकती है।
छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के कटघोरा व कोरबा वनमंडल के कर्मचारी गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। शुक्रवार को भी उनका आंदोलन चलता रहा। इससे वनमंडल का कार्य प्रभावित होना प्रारंभ हो गया है। जंगल की सुरक्षा दांव पर लगी हुई हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ने वाली है। हाथी के गांव के समीप या फिर जंगल पहुंचने पर गांव में मुनादी के लिए कर्मचारियों कमी बनी हुई है। संघ के पदाधिकारी ने बताया कि संघ के चार सूत्रीय मांग को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को कर्मचारियों की चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया था, लेकिन इस संबंध में पहल नहीं की गई। इस कारण कर्मचारियों नाराजगी है। कोरबा व कटघोरा वनमंडल के बीड गार्ड, डिप्टी रेंजर, वनकर्मी सहित अन्य कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। संघ की मांग है कि लघुवनोपज संघ में 180 पद पर की जा रही संविदा नियुक्ति को तत्काल बंद किया जाए, संविदा भर्ती से वनपालों की पदोन्नति प्रभावित प्रभावित हो रही है। इसके अलावा सेटप का पुनरीक्षण सहित चार सूत्रीय मांग शामिल है। इस कारण अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदर्शन के दौरान वनकर्मियों ने मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान संघ संगठन सलाहकार, सुशील साहू, संतोष रात्रे, सह सचिव मंगल सिंह, नायक, कोषाध्यक्ष गुरुवेंद्र कुर्रे, कोषाध्यक्ष गंगा कंवर, महामंत्री सत्यव्रत जांगड़े, नेपाल सिंह आयाम आदि मौजूद थे।
ये है चार सूत्रीय मांग:
लघुवनोपज संघ में 180 पद पर की जा रही संविदा नियुक्ति पर लगाई जाए रोक।
24 घंटे शासकीय कर्तव्य निर्वहन के एवज में वनरक्षक को 2400, वनपाल को 2800 व उपवन क्षेत्रपाल को 4200 का ग्रेड पे।
सेटअप पुनरीक्षण किया जाए
वनरक्षकों का वेतनमान 26 मार्च 2023 से 3050-4950 मान्य।
छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के कटघोरा व कोरबा वनमंडल के कर्मचारी गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। शुक्रवार को भी उनका आंदोलन चलता रहा। इससे वनमंडल का कार्य प्रभावित होना प्रारंभ हो गया है। जंगल की सुरक्षा दांव पर लगी हुई हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ने वाली है। हाथी के गांव के समीप या फिर जंगल पहुंचने पर गांव में मुनादी के लिए कर्मचारियों कमी बनी हुई है। संघ के पदाधिकारी ने बताया कि संघ के चार सूत्रीय मांग को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को कर्मचारियों की चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया था, लेकिन इस संबंध में पहल नहीं की गई। इस कारण कर्मचारियों नाराजगी है। कोरबा व कटघोरा वनमंडल के बीड गार्ड, डिप्टी रेंजर, वनकर्मी सहित अन्य कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। संघ की मांग है कि लघुवनोपज संघ में 180 पद पर की जा रही संविदा नियुक्ति को तत्काल बंद किया जाए, संविदा भर्ती से वनपालों की पदोन्नति प्रभावित प्रभावित हो रही है। इसके अलावा सेटप का पुनरीक्षण सहित चार सूत्रीय मांग शामिल है। इस कारण अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदर्शन के दौरान वनकर्मियों ने मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान संघ संगठन सलाहकार, सुशील साहू, संतोष रात्रे, सह सचिव मंगल सिंह, नायक, कोषाध्यक्ष गुरुवेंद्र कुर्रे, कोषाध्यक्ष गंगा कंवर, महामंत्री सत्यव्रत जांगड़े, नेपाल सिंह आयाम आदि मौजूद थे।
ये है चार सूत्रीय मांग:
लघुवनोपज संघ में 180 पद पर की जा रही संविदा नियुक्ति पर लगाई जाए रोक।
24 घंटे शासकीय कर्तव्य निर्वहन के एवज में वनरक्षक को 2400, वनपाल को 2800 व उपवन क्षेत्रपाल को 4200 का ग्रेड पे।
सेटअप पुनरीक्षण किया जाए
वनरक्षकों का वेतनमान 26 मार्च 2023 से 3050-4950 मान्य।