ALERT:बर्ड फ्लू का लक्षण और बचाव

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कोरबा@M4S:बर्ड फ्लू वायरल संक्रमण तथा अत्यधिक संक्रामक बीमारी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में बर्ड फ्लू की संभावना के मद्देनजर इससे बचाव एवं रोकथाम के लिए इसके लक्षण एवं बचाव के उपाय बताया है। मनुष्य में बर्ड फ्लू के लक्षण – बुखार, गला खराब होना, खांसी, सर दर्द, मांस पेशियों में दर्द, जुकाम और नाक बहना इत्यादि। उपचार हेतु प्रबंधन:- बर्ड फ्लू के प्रबंधन हेतु ओसेल्टामिविर केप्सूल, पीपीई किट, ट्रिपल लेयर मास्क, एन 95 मास्क इत्यादि जिले के जिला चिकित्सालय एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध हैं। मनुष्यों में संक्रमण की स्थिति की त्वरित निदान एवं त्वरित उपचार से परिणाम बेहतर हो सकते हैं। बचाव के उपाय:- पक्षियों की मृत्यु वाले क्षेत्र में किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी बुखार की शिकायत हो तो तत्काल निकट के चिकित्सक से संपर्क करें, पक्षियों के पंख, लार तथा अपशिष्ट पदार्थों को न छुयें, पक्षियों की देखभाल करते समय हमेशा नाक व मुंह को मास्क या घने कपड़े से ढंक कर रखें, गर्भवती महिलाएं एवं बच्चे जानवरों और पक्षियों के संपर्क में आने से बचें, रोग से मृत पक्षियों या पाॅल्ट्री को न खाएं, कच्चा या अधपका मांस न खायें, पाॅल्ट्री पक्षियों या इनके उत्पादों के संपर्क में आने वालों का बार-बार अपने हाथ साबून और पानी से धोना चाहिए, मांस और अंडों का अच्छी तरह से धोने के बाद ही उपयोग करें, जहां तक संभव हो शाकाहारी होने की कोशिश करें, पालतु और गैर पालतु पक्षियों में अचानक मृत्यु की जानकारी मिले तो तत्काल इसकी सूचना निकट के पशु चिकित्सा अधिकारी को देवें, मृत पक्षियों को हाथ न लगायें तथा समुचित निष्पादन किया जावे इत्यादि।

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