सुबह 6 बजे से मुख्य गेट पर डटे रहे ग्रामीण, समझाईश देते रहे अफसर
कोरबा@M4S:पुराने लंबित रोजगार के मामले को लेकर भूविस्थापितों ने परिवार सहित मोर्चा खोल दिया है। एसईसीएल दीपका कार्यालय दफ्तर के मुख्य द्वार को सुबह 6 बजे से ही जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्दशन से दफ्तर का कामकाज प्रभावित हो गया। ऑफिस के कामकाज के लिए आए अधिकारी मुख्य द्वार के जाम में फंसे गए।
वर्ष 1986 के लंबित रोजगार के प्रकरण को लेकर पिछले 11 सितंबर से भू विस्थापित शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोजगार के मसले को लेकर एसईसीएल दीपका प्रबंधन रुचि नहीं ले रही है। जिसे लेकर भूविस्थापित ग्रामीणों ने तालाबंदी का ऐलान किया था। शुक्रवार सुबह से एसईसीएल दीपका कार्यालय के दफ्तर के मुख्य द्वार को जाम कर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि लंबित रोजगार के प्रकरण का कार्य पूरा हो चुका है और सीधा प्रबंधन ज्वाइनिंग लेटर इशू करें । प्रबंधन के अधिकारी के समझाइश देने का प्रयास करते रहे।भूविस्थापित ग्रामीण अपने लंबित रोजगार के मामले को लेकर प्रदर्शन में अड़े रहे। उनका कहना है कि लंबित रोजगार के शेष बचे 175 मूल खातेदारों का जिला प्रशासन द्वारा सत्यापन कराया गया था, जिसमें 41 लोगों को रोजगार के लिए अनुमोदन कर आदेश निर्देशित एसईसीएल प्रबंधन को तलब किया गया है। इस पर एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा सभी लोगों से नामांकन भरवा कर जमा करवाया गया था, लेकिन प्रबंधन आगे की कार्यवाही पर कोई रुचि नहीं ले रहा है। इस वजह से भूविस्थापितों को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है और आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है।
पीड़ित भागीरथी यादव, प्रकाश कोर्राम ने बताया कि एसईसीएल और प्रशासन को पत्र व्यवहार वर्षों से किया जा रहा है। 3 महीने पहले लंबित रोजगार के मसले को लेकर संबंधित एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन से बार-बार आवेदन किया गया है। इस 3 महीने के बीच में एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा रोजगार के मसले को लेकर कोई उचित कार्यवाही नहीं किया गया। अगर प्रबंधन गंभीरता पूर्वक उचित पहल करता तो आज रोजगार को लेकर सडक़ पर नहीं बैठे रहते। इसके बावजूद भी रोजगार नहीं मिलता है तो 25 दिसंबर को संपूर्ण दीपका खदान को ठप किया जाएगा। उनका कहना है कि प्रबंधन सीधा जॉइनिंग लेटर इशू करें उसके बाद ही आंदोलन स्थगित होगा ।