नई दिल्ली(एजेंसी):मौसम का मिजाज बदल रहा है। तापमान में गिरावट के साथ ठंड बढ़ रही है और गलन भी महसूस होने लगी है। ऐसा मौसम हार्ट और बीपी के मरीजों के लिए खतरनाक है।
बीमारी बिगड़े या लापरवाही हो जाए तो हार्ट अटैक तक हो सकता है। इसलिए मरीज इस मौसम में खास सावधानी बरतें। हार्ट और बीपी के मरीज जिला अस्पताल से निजी अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के मौसम में बीपी ऊपर-नीचे होता रहता है। रक्त सप्लाई के लिए दिल पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। आर्टरीज और हृदय पर अधिक दबाव के कारण बीपी हाई हो जाता है। इसके अधिक बढ़ने पर दिल का दौरा पड़ जाता है।
यही हाल हृदय रोग के मरीजों का होता है। सर्दी में नसें सिकुड़ कर सख्त हो जाती हैं। ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। लेकिन, फ्लो बढ़ने पर बीपी भी बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
मूंग की दाल, चुकंदर का रस से फायदा
फिजिशियन डाॅ. राहुल भारद्वाज का कहना है कि दिल के मरीज पर्याप्त पानी पिएं। जब भी मौका मिले एक गिलास पानी पी लें। हल्की कसरत बहुत जरूरी है। सांस लेने में तकलीफ होने, सीने में दर्द या भारीपन होने पर कसरत नहीं करनी चाहिए। मूंग की दाल, चुकंदर का रस, टमाटर और अनार का जूस पीने से फायदा होता है। बीपी के मरीज एक सेब रोज खाएं। बीपी कंट्रोल करने के लिए केला बहुत जरूरी है।
इसके अलावा कीवी, संतरा, तरबूज बीपी को संतुलित बनाए रखेगा। काफी, चाय, चावल, दूध, दही, शराब और धूम्रपान का प्रयोग नहीं करना है। रोज तीन से चार लीटर सादा पानी पीते रहना सबसे ज्यादा जरूरी है।
इमरजेंसी में मामले बढ़े
जिला अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. परविंदर सिंह का कहना है कि इमरजेंसी में सर्दी बढ़ते ही सीने में दर्द, सांस लेने में भारीपन आदि के मामले आने लगे हैं। इक्का-दुक्का मामले हार्ट अटैक के भी आए हैं। जैसे-जैसी ठंड बढ़ेगी ऐसी दिक्कतें भी बढ़ेंगी। इसलिए बचाव सबसे बेहतर इलाज है।
डॉ. परविंदर ने बताया कि सुबह अच्छी हवा में मॉर्निंग वाक भी हृदय और ब्लड प्रेशर को ठीक रखने में मदद करती है। सबसे जरूरी है कि इस मौसम में दवाइयों को नियमित लेते रहें। खानपान नियंत्रित रखें और हल्का-फुल्का व्यायाम करते रहें। ठंडे पानी से नहाना बंद करें, गुनगुने पानी से नहाएं।