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कोरबा@M4S:डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट चंद्र प्रकाश गोयल अपने एक दिवसीय प्रवास पर गुरुवार को कोरबा पहुंचे,उनके साथ कोल इंडिया के चेयरमैन पी एम प्रसाद भी मौजूद रहे, एस ई सी एल की खदानों का किया निरीक्षण के साथ भू-अधिग्रहण पर अधिकारियों से की बातचीत।
एस ई सी एल गेवरा क्षेत्र के गेवरा हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए वन महानिदेशक चंद्र प्रकाश गोयल ने कहा कि वह फॉरेस्ट लैंड पर माईनिग एक्टिविटी की ग्राउंड रिपोर्ट जानने यहां आए हैं, माइनिंग की अधिकतर गतिविधियां वन विभाग की जमीन पर होती है,कोरबा जिले में एसईसीएल की खदानों का भविष्य क्या होगा,यहां की खदानों की उम्र कितनी होगी और भविष्य में खदानो का विस्तार कितना होगा इन्हीं कुछ विषयों पर विस्तार से जानकारी लेने और खदानों के लिए भू-अधिग्रहण के विषय पर विभागीय अधिकारियों से चर्चा करने की मंशा से वन महानिदेशक चंद्रप्रकाश गोयल और कोल इंडिया के चेयरमैन पी एम प्रसाद कोरबा के गेवरा क्षेत्र में पहुंचे।
एशिया की सबसे बड़ी गेवरा खुली खदान का निरिक्षण करने से पहले उन्होंने गेवरा जीएम कार्यालय में कुछ देर आराम किया जिसके बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया,कि एसईसीएल कोल इंडिया की एक अनुषांगिक कंपनी है जिसकी कई खदान वन क्षेत्र में संचालित हो रही है। वहीं भविष्य में कई खदानों का विस्तारीकरण किया जाना है जिसकी जद में वन क्षेत्र में आ रही है। पर्यावरणीय स्वीकृति,बसाहट व मुआवजा राशि में अंतर विवाद के कारण जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लटकी हुई है। जिसका पटाक्षेप करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट का कोरबा दौरान कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके दौरे से कई परियोजनाओं के लिए लंबित जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जिसमें गेवरा,कुसमुंडा और दीपका परियोजनाएं शामि
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट का कोरबा दौरान कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके दौरे से कई परियोजनाओं के लिए लंबित जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जिसमें गेवरा,कुसमुंडा और दीपका परियोजनाएं शामि