कोयला कंपनी द्वारा स्थापना से अब तक 3 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं
कंपनी द्वारा 2 ईको पार्क पहले से ही स्थापित किए जा चुके हैं एवं 3 और ईको पार्क प्रस्तावित हैं
बिलासपुर@M4S:वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल द्वारा कोयला उत्पादन के साथ-साथ पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में भी नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में एसईसीएल द्वारा निर्धारित लक्ष्य – 430 हेक्टेयर को पीछे छोड़ते हुए अब तक 475 हेक्टेयर भूमि को ग्रीन कवर अंतर्गत लाया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल द्वारा रिकॉर्ड 10.77 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं जोकि कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में सर्वाधिक है।
ग्रास बेडिंग एवं बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं
ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए कंपनी द्वारा खदान लीज क्षेत्र के अंदर एवं बाहर वृहद स्तर पर पौधरोपण, ग्रास बेडिंग एवं बांस के पौधों को लगाया गया है। एसईसीएल कोल इंडिया की एक मात्र अनुषंगी कंपनी है जहां 18 हेक्टेयर में बांस के पौधे लगाए गए हैं एवं 26 हेक्टेयर से अधिक के क्षेत्र में ग्रास बेडिंग की गई है। इसके अतिरिक्त 335 हेक्टेयर माइन लीज बाउंड्री के भीतर एवं 96 हेक्टेयर माइन लीज बाउंड्री के बाहर क्षेत्र में विभिन्न फलदार पेड़, इमारती लकड़ी एवं औषधीय/हर्बल पौधे लगाए गए हैं।
ग्रीन कवर बढ्ने से खदान एवं उसके आसपास के क्षेत्र में जहां कार्बन उत्सर्जन कम करने, मिट्टी को स्थिर कर भूमि कटाव एवं प्रदूषण रोकने में मदद मिल रही है वहीं भूमिगत जल स्तर में भी सुधार हो रहा है।
आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ में 26 लाख पौधे लगाएगा एसईसीएल
आने वाले वर्षों में भी पौधरोपण व हरित क्षेत्र में वृद्धि के लिए भी एसईसीएल द्वारा एक रोडमैप के तहत काम किया जा रहा है। अगले पांच वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में वृक्षारोपण पर कंपनी 169 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है। कंपनी ने इस वर्ष इन राज्यों में वृक्षारोपण कार्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम (सीजीआरवीवीएन) और मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम (एमपीआरवीवीएन) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों में कंपनी राज्य निगमों के साथ साझेदारी में छत्तीसगढ़ राज्य में 26 लाख से अधिक और मध्य प्रदेश में लगभग 12 लाख पौधे लगाएगी।
3 और ईको पार्क बनाने की योजना पर हो रहा है काम
पौधारोपण के अलावा कंपनी ने पुरानी बंद पड़ी खदानों को ईको-पार्क में बदला है जो स्थानीय लोगों के लिए रमणीक पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहे हैं। एसईसीएल द्वारा सूरजपुर जिले में केनापारा एवं अनूपपुर जिले में अनन्या वाटिका की स्थापना की गई जिसकी देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी पर्यावरण संवर्धन के शानदार उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इन ईको-पार्कों के अलावा कंपनी द्वारा 3 और ईको-पार्क बनाने पर काम किया जा रहा है जिनमें कोरबा जिले में मानिकपुर ईको पार्क, कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत ऑक्सीज़न पार्क एवं गेवरा क्षेत्र में ईको नेचर पार्क शामिल हैं।