अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबंधन बेहतर : डॉ. रमन सिंह : विधानसभा में राज्य सरकार का तृतीय अनुपूरक ध्वनिमत से पारित

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प्रदेश के बजट का आकार बढ़कर 74,339 करोड़ रूपए

रायपुर@M4S: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि हिन्दुस्तान के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबंधन बहुत बेहतर है। उन्होंने आज अपरान्ह यहां विधानसभा में राज्य सरकार के चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 के तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तावों पर पक्ष और विपक्ष की चर्चा का जवाब देते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर आर्थिक प्रबंधन के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पर ऋण भार भी अल्पतम है।

    मुख्यमंत्री के उदबोधन के बाद लगभग तीन हजार 180 करोड़ रूपए की तृतीय अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। डॉ. रमन सिंह ने सदन को बताया कि राज्य के वित्तीय वर्ष 2015-16 के मुख्य बजट में कुल 67 हजार 546 करोड़ रूपए का प्रावधान था। प्रथम, द्वितीय और आज तृतीय अनुपूरक को मिलाकर प्रदेश सरकार के इस वित्तीय वर्ष के बजट का आकार 74 हजार 339 करोड़ रूपए हो गया है। उन्होंने सदन को बताया कि तृतीय अनुपूरक में आयोजना व्यय एक हजार 155 करोड़ रूपए और आयोजनेत्तर व्यय दो हजार 025 करोड़ रूपए है। इसमें से 136 करोड़ रूपए पूंजीगत व्यय और दो हजार 404 करोड़ रूपए राजस्व व्यय शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण तृतीय अनुपूरक अनुदान मांग तीन हजार 180 करोड़ रूपए है, जिसमें विभिन्न योजनाओं का केन्द्रांश और अर्थोंपाय अग्रिम की राशि दो हजार 076 करोड़ रूपए शामिल हैं। राज्य पर केवल एक हजार 104 करोड़ रूपए का शुद्ध ऋण भार है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा – तृतीय अनुपूरक में इस वर्ष के कमजोर मानसून की वजह से सूखा प्रभावित किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋणों में 25 प्रतिशत ऋ़ण माफी हेतु सहकारी बैंकों के लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। डॉ. सिंह ने कहा- सूखा प्रभावित किसानों के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मेरे द्वारा अल्पकालीन कृषि ऋणों में राहत देने की घोषणा की गई थी। इसके क्रियान्वयन के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना 2015 लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत आनावारी वाले गांवों में वितरित अल्पकालीन कृषि ऋण राशि की 75 प्रतिशत राशि जमा करने वाले किसानों को 25 प्रतिशत ऋण माफी का विकल्प दिया गया है। ग्रामीण अधोसंरचना विकास का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विगत वर्षों में पूर्णतः केन्द्र पोषित थी, अब केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के शेयरिंग पैटर्न में परिवर्तन के बाद केन्दांश तथा राज्यांश का अनुपात 60 अनुपात 40 हो गया है। भारत सरकार से अतिरिक्त आवंटन के फलस्वरूप परिवर्तित अनुपात के अनुसार इसके लिए तृतीय अनुपूरक में 80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया – छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी को अनुदान देने के लिए राज्य शासन द्वारा नॉन एसएलआर बाण्ड जारी किया जाएगा। इसके लिए तृतीय अनुपूरक में 870 करोड़ 12 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया – राज्यों की विद्युत वितरण कम्पनियों की आर्थिक स्थिति एवं परिचालन सुधारने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा ’उदय’ योजना लागू की गई है। इसके अंतर्गत केन्द्र तथा राज्य सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी के बीच त्रिपक्षीय एम.ओ.यू. किया गया है। विद्युत वितरण कम्पनी की ऋण देयताओं की पुनर्संरचना करते हुए इनके परिचालन में सुधार किया जाएगा। इस एम.ओ.यू. के अनुसार 30 सितम्बर 2015 की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी की देय बकाया ऋण राशि के 75 प्रतिशत का ऋण भार राज्य सरकार पर होगा, जिसका 50 प्रतिशत भार चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में ही राज्य सरकार पर आएगा। इसके लिए नॉन एसएलआर बाण्ड जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि केन्द्र प्रवर्तित राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त केन्द्रीय आवंटन के फलस्वरूप तृतीय अनुपूरक में 57 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वन्य प्राणियों से हुई जनहानि की क्षतिपूर्ति के लिए दो करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। डॉ. रमन सिंह ने यह भी बताया-प्रदेश की जेलों में जैमर उपकरणों के रख-रखाव के लिए एक करोड़ 40 लाख रूपए का प्रावधान तृतीय अनुपूरक में किया गया है। प्रदेश में आयोजित 20वें राष्ट्रीय युवा उत्सव के लिए दो करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान में तृतीय अनुपूरक में किया गया है। इसके अलावा राज्य शासन द्वारा गठित तृतीय राज्य वित्त आयोग के स्थापना व्यय के लिए पांच लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया – शासकीय विभागों की विद्युत देयताओं के भुगतान के लिए 24 करोड़ 87 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि राज्य वि़द्युत वितरण कम्पनी के लिए होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) की स्थापना दुर्ग जिले के ग्राम सिरसा खुर्द में की जा रही है। इसकी जमीन के प्रब्याजी और भू-भाटक का भुगतान नगर निगम दुर्ग को किया जाएगा। इसके लिए 17 लाख 35 हजार रूपए का प्रावधान तृतीय अनुपूरक में किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क से मिलने वाली राशि के हस्तांतरण के लिए तृतीय अनुपूरक में सात करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया – राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग रायपुर और अधीनस्थ जिला उपभोक्ता फोरम के भवन निर्माण के लिए तृतीय अनुपूरक में दो करोड़ रूपए की धनराशि रखी गई है।

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