तृतीय हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन 5360 प्रकरणों का हुआ निराकरण

- Advertisement -

कोरबा@M4S:राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर दिनांक 09 सितम्बर 2023 को सभी मामलों से संबंधित नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।  डी एल  कटकवार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के आतिथ्य में एवं विशिष्ठ अतिथि  बी. राम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय कोरबा, अपर सत्र न्यायाधीश कु. संघपुष्पा भतपहरी, अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) कोरबा  ज्योति अग्रवाल, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश  कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोरबा  अश्वनी चतुर्वेदी, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश,  बृजेश राय, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक कोरबा के अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश,  प्रतिक्षा अग्रवाल,  संजय जायसवाल, अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ, कोरबा बी.के. शुक्ला, सदस्य, छ0ग0 राज्य विधिज्ञ परिषद बिलासपुर दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम में उपस्थित थे। नालसा थीम सांग न्याय सबके लिये के साथ नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। जिसमें न्यायालय में कुल 9072 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें न्यायालयों में लंबित प्रकरण 2010 एवं प्री-लिटिगेशन के 7062 प्रकरण थे। जिसमें राजस्व मामलों के प्रकरण, प्री-लिटिगेशन प्रकरण तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के कुल प्रकरणों सहित 5360 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत मंे समझौते के आधार पर हुआ।

नेशनल लोक अदालतः- कूटरचना से प्राप्त 12 लाख की राशि हुई पीडित को वापस एन.आई.एक्ट के प्रकरण में मिली सफलता

01. मान. अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा जिला कोरबा
परिवाद प्रकरण क्रमांक 928/2017
खण्डपीठ क्र. – 04
न्यायालय श्रीमान न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोरबा, पीठासीन अधिकारी श्री बृजेश राय द्वारा पारित आदेश पारित निर्णय दिनांक 22.07.2022 परिवाद प्रकरण क्रमांक 928/2017  अपील प्रकरण अंतर्गत धारा 374 दा.प्र.सं. के प्रकरण में अपीलार्थी उत्तरवादी को अपने व्यवसायिक कार्याें के कारण जानता पहचानता था, अपीलार्थी बीमा का कार्य करता था और   घर आना जाना था। इसी बीच अपीलार्थी को 50,000/- रूपए की आवश्यकता हुई तब उत्तरवादी से अपीलार्थी ने 5 प्रतिशत मासिक व्याज पर 50000/- रूपए उत्तरवादी से प्राप्त किए थे और बदले में प्रतिभूति के रूप में अपीलार्थी के एक्सीस बैंक शाखा कोरबा का एक चेक में कोरा हस्ताक्षर करा लिया था पश्चात् में अपीलार्थी के द्वारा ली गई उधार  राशि ब्याज सहित वापस कर दिया गया, उत्तरवादी से जब प्रतिपूर्ति स्वरूप दिए गए चेक  की वापसी की मांग  की गई तब उक्त चेक पर चाय गिर जाने के कारण चेक खराब होने से उक्त चेक को फाड कर फेंक जाने की बात कहते हुए उत्तरवादी ने उक्त चेक में कूटरचना करते हुए बिना अपीलार्थी की सहमति के 12,00,000/- बारह लाख रूपए भरकर बैंक में भूगतान प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत कर अपीलार्थी के साथ धोखा-धडी की गई। उक्त चेक अपर्याप्त निधि के कारण अनादरित हो गया। उक्त घटना की सूचना अपीलार्थी को होने से मान. अधीनस्थ न्यायालय के द्वारा अपीलार्थी को दोष सिद्ध करते हुए 12,50,000/- रूपए के प्रतिकर एवं 06 माह के कारावास के दंड से दंडित करने का दंडादेश दिया गया जिससे क्षुब्ध होकर मान. न्यायालय के समक्ष अपील प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण के कारण अपीलार्थी को बेवजह आर्थिक एवं मानसिक क्षति का सामना करना पड रहा था, ऐसे में आज दिनांक 09.09.2023 को प्रकरण में अपीलार्थी एवं उत्तरवादी ने हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में संयुक्त रूप से समझौता कर आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें हाइब्रीड नेशनल लोक अदालत का लाभ लेते हुए उत्तरवादी ने अपनी गलती मान अपीलार्थी को उसके 12,00,000/- बारह लाख रूपए लौटाने हेतु बिना किसी डर-दबाव के राजीनामा किया जिसे आज दिनांक से 30 दिवस के भीतर अदा किए जाने का निर्देश दिया गया।

बेसहारा बुजर्ग दंपत्ति को मिला न्याय वर्षों से लंबित प्रकरण का हुआ राजीनामा आधार पर निराकरण

01. मान. सत्र न्यायाधीश/मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण कोरबा
मोटर दुर्घटना दावा 1831/2021

खण्डपीठ क्र. – 04
घटना दिनांक 28.06.2021 को आवेदक की पत्नी केसरी बाई  अपने ग्राम के अन्य लोगों के साथ वाहन पिकअप क्रमांक सीजी 12 ए.जेड. 6766 में सवार होकर अपने ग्राम महाराजगंज जा रही थी कि उसी समय धरमजयगढ से पत्थलगांव की ओर जा रही वाहन ट्रक क्रमांक सीजी 04 एम.ए. 2717 का चाहक वाहन को तेजी एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुए खडे पिकअप वाहन को सामने से जोरदार ठोकर मार कर एक्सीडेंट कर दिया जिस कारण वाहन  में सवार आवेदक की पत्नी की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो के कारण आवेदकगणों के द्वारा क्षति रकम प्राप्त करने हेतु, अनावेदक के विरूद्ध मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 166 के अंतर्गत मान. न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त घटना में मृतिका अकेले मजदूरी कर लगभग 10000/- दस हजार मासिक आय से घर चलाती थी, ऐसे में मृतिका के मृत्यु के पश्चात् बेसहारा बुजुर्ग आवेदक एवं परिवारजनों के लिये जीवन यापन करना अत्यंत कठिन हो चला था। प्रकरण में आावेदकगण एवं अनावेदक (बीमा कंपनी) ने हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में संयुक्त रूप से समझौता कर आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें हाइब्रीड नेशनल लोक अदालत का लाभ लेते हुए आवेदकगणों ने 7,10,000/- रूपये (सात लाख दस हजार रूपये) बिना किसी डर-दबाव के राजीनामा किया जिसे आज दिनांक से 30 दिवस के भीतर अदा किए जाने का निर्देश दिया गया इस प्रकार घर बैठे बुजुर्ग आवेदक एवं परिवारजनों को जीवन जीने का एक सहारा नेशनल लोक अदालत ने प्रदान किया।

सालों से चल रहे जमीन विवाद का हुआ निराकरण लोक अदालत बना सहारा
02. मान. सुश्री संघपुष्पा भतपहरी, प्रथम अति. जिला न्यायाधीश कोरबा
व्य. वाद क्र 06ए/2022

खण्डपीठ क्र. – 03
घटना का विवरण इस प्रकार है कि आवेदक के द्वारा दिनांक 02.12.2022 को प्रतिवादी के विरूद्ध संविदा के विशिष्ट अनुपालन एवं स्थायी निषेधाज्ञा हेतु ग्राम कुकरीचोली भैसमा  तहसील एवं जिला कोरबा मेें स्थित कुल 13 एकड वादभूमि किमती 19,50,000/-रूपए का न्यायालय में दावा पेश किया गया। उक्त विवाद में आवेदक को प्रतिवादी के द्वारा 13,50,000/- रूपए बिक्री इकरारनामा के अनुसार नगद भुगतान कर दिया गया तथा शेष 6,00,000/- रूपए केा उक्त भूमि के पंजीकृत रजिस्ट्री के समय प्रतिवादी के द्वारा और भुगतान किए जाने का सौदा हुआ था, जिसे प्रतिवादी के द्वारा लंबे समय से नहीं दिया जा रहा था। आज दिनांक 09.09.2023 हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत के अवसर पर उक्त प्रकरण में प्रार्थी के द्वारा उपस्थित होकर एवं समझौतानामा किए जाने बाबत् आवेदन प्रस्तुत किया गया एवं मान. न्यायालय के द्वारा प्रदान की गई समझाईश के फलस्वरूप उभयपक्ष ने समझौते से स्वेच्छापूर्वक बिना किसी डर भय एवं बिना किसी दबाव के साथ राजीनामा करने हेतु व्यक्त करते हुए समझौता अनुसार वादी द्वारा प्रतिवादी को इकरारनामा अनुसार 6,00,000/- रूपए वादभूमि की रजिस्ट्री के समय दिए जाने तथा प्रतिवादी द्वारा वादभूमि को पंजीकृत विक्रय पत्र निष्पादित किए जाने हेतु आवश्यक एवं अनिवार्य रूप से वादी को 01 माह के भीतर उपलब्ध कराए जाने तथा वादभूमि के पंजीयन के पश्चात् वादभूमि के नामांतरण कार्यवाही में सहयोग करने हेतु राजीनामा किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत गरीब आम जनों को न्याय प्रदान कर ‘‘न्याय सबके लिए‘‘ का घोषवाक्य को चरितार्थ किया।

लोक अदालत ने पति-पत्नी विवाद को किया समाप्त किया सफल कुटुम्ब के निर्माण में दिया अपना बहुमूल्य योगदान

03. मान. न्यायालय कुटुम्ब न्यायालय कोरबा
अंतर्गत धारा 125 द.प्र.सं वास्ते अनावेदक से गुजारा भत्ता के रूप में भरण पोषण राशि दिलाए जाने बाबत्।

खण्डपीठ क्र. – 02
आज के वर्तमान परिवेश में दाम्पत्य जीवन की डोर कमजोर हो चली है, आपसी विवाद घरेलू हिंसा तथा एक दूसरे पर विश्वास की कमी कमजोर दाम्पत्य जीवन का आधार बन रही है। ऐसे ही घटना मान कुटुंब न्यायालय में विचाराधीन था, आवेदक एवं अनावेदक का वर्ष 28.06.2018 में हिन्दू रिति-रिवाज से विवाह संपन्न हुआ था। विवाह के 05 माह बाद से ही आवेदक के व्यवहार में बदलाव आने लगा एवं अनावेदिका के मध्य आपसी सांमजस्य की कमी आने लगी, अनावेदक के द्वारा दहेज कम लाई हो कहकर क्रूरता का व्यवहार करते हुए अनावेदक आए दिन शराब के नशे में गाली-गलौच कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित करने लगा। विवाद इतना बढ गया की अनावेदक के द्वारा आवेदिका को जबरन उसके मायके छोड कर चला आया। आवेदिका द्वारा अनावेदक को कई बार फोन भी किया गया परंतु अनावेदक द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई गई। ऐसे में विपरित परिस्थितियों से तंग आकर आवेदिका ने मान. न्यायालय के समक्ष भरण पोषण राशि दिलाए जाने एवं अनावेदक के विरूद्ध धारा 09 हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 वास्ते दांपत्य संबंधों के पुर्नस्थापना बाबत् आवेदन प्रस्तुत किया गया। आज दिनांक 09.09.2023 को आयोजित हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में आवेदक एवं आवेदिका को साथ रह कर आपसी सामंजस्य के साथ जीवन जीने की समझाईश दी गई, जिससे आवेदक एंव अनावेदिका ने समझाईश को स्वीकार कर अपने एवं अपने कुटुम्ब के भविष्य हेतु राजीनामा के आधार पर सुखपूर्वक एवं खुशहाल जीवन यापन हेतु बिना डर एवं दबाव के समझौता किया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत ने बेसहारा आवेदिका के प्रकरण में राजीनामा करा कर सफल कुटम्ब निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।

Related Articles

http://media4support.com/wp-content/uploads/2020/07/images-9.jpg
error: Content is protected !!