हाथी के हमले में गई वृद्धा की जान परिवार के सदस्यों ने भागकर बचाई जान
कोरबा@M4S:कटघोरा वन मंडल में हाथियों ने फिर उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। एक हाथी ने गांव में घुसकर घर पर सो रही वृद्ध महिला को मौत के घाट उतार दिया, जबकि घर पर मौजूद परिजन किसी तरह जान बचाकर भागे। घटना से गांव में दहशत का माहौल व्याप्त है। वन विभाग घटना की सूचना मिलते ही गांव पहुंचा। प्रभावित परिवार को तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है।
कटघोरा वन मण्डल में लंबे अरसे से हाथियों का दल अलग अलग रेंज में विचरण कर रहा है। हालांकि हाथी लंबे समय से जनहानि की घटना को अंजाम नहीं दे रहे थे। क्षेत्र में 12 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। रविवार की रात्रि लगभग 10 बजे हाथियों का दल कटघोरा वनमण्डल के ऐतमानगर रेंज में दस्तक दी। गुरसियां सर्किल में घुसने के साथ ही साथ ही रापेर मोहल्ला में जमकर उत्पात मचाया। इसी दौरान हाथियों का दल का दल एक घर में घुसकर सो रही वृद्ध महिला लक्ष्मीनबाई पति जीतराम पोर्ते को उठाकर पटक दिया। जिससे वृद्ध महिला की मौके पर ही मौत हो गई। घर के अन्य सदस्यों ने बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। घटना की जानकारी वन विभाग को लगते ही मौके पर वन अधिकारी व वन कर्मी मौके पर पहुंचे और हाथियों के दल को जंगल की ओर खदेडऩे का प्रयास किया। कटघोरा वन मण्डल हाथियों का विचरण केंद्र बना हुआ है। पिछले 6 वर्षों से केंदई, परला, चोटिया, पसान, कोरबी, मड़ई, बांगों, क्षेत्र में लगभग 45 से 50 हाथियों का दल अलग अलग विचरण कर रहा है। वन कर्मियों की मॉनिटरिंग व संसाधन की कमी की वजह से इस तरह की जनहानि हुई है। वह विभाग द्वारा वनांचल ग्रामीणों को टॉर्च व अन्य संसाधन उपलब्ध नही करा पा रही है। मृतिका के पुत्र सालिकराम पोर्ते को वन मण्डलाधिकारी द्वारा तत्कालिक सहायता राशि प्रदान किया गया है।
एनएच के पास विचरण कर रहे हाथियों से दहशत
कोरबा। जिले के कटघोरा वनमंडल में हाथियों की धमक ने ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग की परेशानियों को बढ़ाकर रख दिया है। कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्राम मड़ई के पास दो हाथियों को देखा गया है। हाथी मुख्य सडक़ से कुछ ही दूरी पर जंगल के बीच विचरण कर रहे है। हाथियों के कारण मार्ग से गुजरने वाले लोग काफी डरे हुए नजर आ रहे हैं। कोरबा में एक बार फिर से हाथियों की वापसी हो गई है। कटघोरा वनमंडल अंतर्गत कटघोरा-अंबिकापुर नेशनल हाईवे पर ग्राम मड़ई के पास दो हाथियों की मौजूदगी से राहगीर काफी डरे हुए है। जिससे लोग जान जोखिम में डालकर सडक़ पार कर रहे है। हालांकि वन विभाग हाथियों पर अपनी निगाह जमाए हुए है। पूर्व में हाथियों के चलते बाइक सवार तीन लोग बाल बाल बच गए थे। इस दौरान मार्ग पर वाहनों की कतारें भी लग गई। सूचना मिलने के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा और हाथियों को जंगल की तरफ खदेड़ा। तब जाकर मार्ग पर यातायात व्यवस्था बहाल हो सकी। कोरबा में हथियों के हमले से हर साल कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं।
हाथियों को भा रहा कोरबा का जंगल
साल 2000 में पहली बार कोरबा वनमंडल के बालको रेंज में हाथियों ने अपनी दस्तक दी थी। उस समय 4 हाथी पहली बार कोरबा में आए थे और वापस जंगल लौट गए थे. हाथियों के झुंड को कोरबा का जंगल भा गया और उसके बाद इस जंगल से लगातार नाता बनाए रखे और जंगल में आना-जाना करते रहे। जिले के जंगल में हाथियों को खाने पीने के लिए उनके पसंद के अनुरूप भोज्य पदार्थ उपलब्ध होते है। जिसके चलते लगातार इनका कुनबा बढ़ता ही चला गया और अब यह हाथी कोरबा, कटघोरा के जंगल से जाने का नाम नहीं लेते हैं।
ELEPHANT ATTACK:हाथी के हमले में गई वृद्धा की जान परिवार के सदस्यों ने भागकर बचाई जान
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