नई दिल्ली(एजेंसी):भारत के मून मिशन के सपने को साकार करने में लगा चंद्रयान-3 अब चांद के बहुत करीब पहुंच गया है। चंद्रयान के चंद्रमा की सतह पर लैंड होने में अब केवल 3 दिन बाकी हैं। इस बीच आज यान के ‘विक्रम लैंडर’ ने दूसरी बार सफलतापूर्ण डिबूस्टिंग को पूरा कर लिया है।
डिबूस्टिंग वो प्रक्रिया है जब लैंडर मोड्यूल की गति को कम करते हुए उसे चांद के और करीब ले जाया जाता है। इस प्रक्रिया को सफलता मिलने के बाद अब लैंडर की चांद से दूरी केवल 25 किमी की रह गई है।
ISRO ने बताया कब लैंड करेगा विक्रम लैंडर
चंद्रयान 3 का लैंडर (Vikram Lander) चांद पर किस समय लैंड करेगा, इसका निश्चित समय अब सामने आ गया है। इसरो ने एक पोस्ट में बताया है कि लैंडर 23 अगस्त 2023 को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
कई बड़े पड़ाव किए पूरे
चंद्रयान ने लॉन्चिंग से अब तक कई बड़े पड़ावों को पूरा किया है। यान ने पहले 5 अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश कर बड़ा पड़ाव पूरा किया था। इसके बाद उसने 5 नई कक्षाओं में प्रवेश किया। इसके बाद 17 अगस्त को लैंडर और रोवर प्रोपल्शन मोड्यूल से अलग हो गए।
ये है पूरा टाइमलाइन
14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था और पृथ्वी के चारों ओर इच्छित अण्डाकार कक्षा में इंजेक्ट किया।
15 जुलाई को इसरो ने अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की ओर बढ़ाने वाली पहली प्रक्रिया (अर्थबाउंड फायरिंग -1) पूरी की।
1 अगस्त को चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा से निकालकर चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ाया गया।
5 अगस्त को यान चंद्रमा की पहली 40 हजार किमी वाले कक्षा में में प्रवेश किया।
6 अगस्त को इसने दूसरे 20 हजार वाले कक्षा में प्रवेश किया।
9 अगस्त को तीसरी कक्षा बदलकर यह 5 हजार किमी वाले कक्षा में स्थापित हुआ और इसके बाद यह 14 अगस्त को चौथे कक्षा में 1 हजार किमी में प्रवेश किया।
16 अगस्त को कक्षाओं में बदलाव कर यह चंद्रमा के सबसे निकट 100 किमी वाली कक्षा में स्थापित हुआ।
17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल से लैंडर और रोवर अलग हो गए। लैंडर चंद्रमा की सतह की ओर आगे बढ़ रहा है।
18 अगस्त को विक्रम लैंडर डिबूस्टिंग प्रक्रिया से गुजरा, जो सफल रहा।
20 अगस्त को लैंडर ने दूसरी बार डिबूस्टिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की और चांद के काफी करीब पहुंच गया है।
23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
विक्रम लैंडर की ये है खासियत
विक्रम लैंडर काफी खास और उपयोगी अंतरिक्षयान है। ये चांद के चारों ओर चक्कर लगाने के बाद उसकी सतह पर उतरेगा। इसमें ऐसे यंत्र लगे हैं जो चांद पर प्लाज्मा, सतह की गर्मी, पानी की मौजूदगी की उम्मीद, भूकंप और चांद की डायनेमिक्स की स्टडी करेंगे।
भारत रचेगा इतिहास
अभी तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर को उतारा है। लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर उतरने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। पूर्व में चंद्रयान-2 मिशन के तहत भारत ने 2019 में लैंडर उतारने का प्रयास किया था। हालांकि आखिरी क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया था और उसकी क्रैश लैंडिंग हो गई थी।