नई दिल्ली(एजेंसी): सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र में डांस बारों को लाइसेंस देने के लिए राज्य पुलिस द्वारा लगाई गई शर्तों में संशोधन किया। कोर्ट ने इस शर्त को खारिज कर दिया है कि डांस प्रदर्शन की लाइव सीसीटीवी फुटेज होनी चाहिए, जो क्षेत्र पुलिस को दी जानी चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह डांस बार मालिकों को संशोधित शर्त के अनुपालन के बाद 10 दिन के भीतर लाइसेंस प्रदान करे।कोर्ट ने कहा है कि बार के अंदर कैमरा नहीं लगाया जाना चाहिए। चाहे तो बार के प्रवेश द्वार पर कैमरा लगाया जा सकता है।इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से डांस बार के लाइसेंस देने में वीडियोग्राफी की अनिवार्य शर्त पर जवाब मांगा था। महाराष्ट्र में डांस बार को लाइसेंस देने के लिए लगी विभिन्न शर्तों के खिलाफ उठीं तमाम आपत्तियों के बाद कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से भी इस मामले में जवाब मांगा।
पुलिस ने लाइसेंस देने के लिए विभिन्न शर्तें लगाई हैं, जिनमें पूरी प्रस्तुति की वीडियोग्राफी करना और डांस इलाके को अलग करने जैसी विभिन्न शर्तें शामिल हैं। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह की एक पीठ ने उन कुछ विवादास्पद शर्तों पर महाराष्ट्र सरकार से अपना रख स्पष्ट करने को कहा था, जो उसकी पुलिस ने लाइसेंस देने के लिए लगाई हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने डांस बार एसोसिएशन की ओर से पेश होते हुए पुलिस द्वारा लगाई गई विभिन्न शर्तों का जिक्र किया था और कहा कि ये पीछे की ओर ले जाने वाले कदम हैं और इन्हें समाप्त किए जाने की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी शर्तों में कहा है कि डांस बार मालिकों को बार इलाके और डांस इलाके से अलग करना होगा और उन्हें क्षेत्र की पुलिस को महिला प्रस्तोताओं की प्रस्तुति की सीसीटीवी फुटेज देनी होगी।
न्यायालय ने 15 अक्तूबर 2015 के उसके आदेश का पालन नहीं करने पर पिछले वर्ष नवंबर में महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की थी और उससे होटल मालिकों को डांस बार के लाइसेंस देने पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने डांस बार पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य सरकार के कानूनों पर भी सवाल उठाए थे।