नई दिल्ली(एजेंसी):दिल्ली के बाद अब मथुरा-वृंदावन में यमुना उफान पर है। वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में चार-पांच फीट पानी भरने के कारण नाव चल रही हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से कहा है कि मंगलवार को मथुरा-वृंदावन की यात्रा पर न आएं।
वहीं खादर क्षेत्र में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। 150 से ज्यादा कालोनियां और 29 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। वहीं आगरा में कैलाश मंदिर के गर्भगृह में पानी भर गया। पश्चिम के जिलों में कहीं बाढ़ का पानी उतर रहा है तो कहीं कटान जारी है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
मथुरा जिले में खतरे के निशान से 1.31 मीटर ऊपर बह रही यमुना में सुबह से ही जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया। वृंदावन में छह किमी के परिक्रमा मार्ग में तीन फीट तक पानी जमा है। वहीं आगरा में खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर बह रही यमुना ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। मेरठ में यमुना और गंगा समेत कई सहायक नदियों में अब जलस्तर में उतार आने लगा है, लेकिन इन नदियों से कई क्षेत्रों में कटान जारी है। फसलें जलमग्न हैं।
सहारनपुर में बाढ़ से प्रभावित सभी कालोनियों का पानी उतर गया है। मुजफ्फरनगर में काली नदी में उफान आने से न्याजुपुरा मोहल्ले की गलियों में पानी घुस गया है। बिजनौर में पत्थर का स्टड लगने से गलखा देवी मंदिर के पास कटान रुक गया है।
बागपत में भी खतरे के निशान के ऊपर यमुना
बागपत में यमुना खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर है। मेरठ में सोमवार को जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने मोटरबोट से बाढ़ग्रस्त गांव किशनपुर‚ भीकुंड‚ लतीफपुर आदि गांवों का दौरा किया। बरेली में सोमवार को मंडल के चारों जिलों में वर्षा नहीं हुई मगर, नदियां उफनाने से गांवों को स्थिति बिगड़ रही। शाहजहांपुर के गांवों में बाढ़ है।
बदायूं में गंगा और रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। वाराणसी सहित पूर्वांचल के जिलों में सोमवार को बादलों की आवाजाही बनी रही, लेकिन बारिश नहीं हुई। वाराणसी में गंगा का जलस्तर सोमवार को 62.24 मीटर पर स्थिर रहा तो मीरजापुर में 20 मिमी प्रतिघंटे की दर से बढ़ रहा है। प्रयागराज में भी दिनभर बादल छाए रहे, हालांकि यहां वर्षा नहीं हुई। गोरखपुर में सुबह बादल रहे।
वर्षा की संभावना
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर राष्ट्रीय राजधानी में यमुना का जलस्तर आठ दिन से खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर बना हुआ है। बीच में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन इसमें फिर वृद्धि होने लगी है। अगले तीन-चार दिन तक अच्छी वर्षा की संभावना जताई जा रही है, जिससे चिंता बढ़ गई है।
यमुना में गाद भी बाढ़ का एक कारण है। यमुना में पूरे साल दूसरे प्रदेशों से गाद आ तो रही है, लेकिन दिल्ली में कम बहाव की वजह से वह आगे नहीं जा पा रही। यही वजह है कि दिल्ली में नदी का तल ऊपर उठ गया है।