- Advertisement -
गैर इरादतन हत्या के तहत जुर्म दर्ज, घटना के 11 दिन बाद पुलिसिया कार्रवाई
कोरबा@M4S: टीपी नगर कर्मिशियल काम्पलेक्स अग्निकांड के मामले में अपराध दर्ज कर लिया गया है। इसके लिए दोषी साहेब कलेक्शन के संचालक व अन्य को माना गया है। प्रशासन की जांच रिपोर्ट में छह बिंदु पर संचालक को दोषी माना गया है। सिविल लाइन थाना रामपुर के अधीन सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र में अग्निकांड के 11 दिन बाद गैर इरादतन हत्या की धारा 304,34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।
ये भी पढ़ें:एम पी नगर में लाखों की लूटपाट करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार,4 फरार,आरोपियों की संख्या बढ़ने पर मामला डकैती में तब्दील
गत 19 जून की दोपहर घटी घटना में पूरा काम्प्लेक्स जल गया वहीं एक महिला सहित तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। अलग-अलग विभागों की टीमे जांच में जुटी हुई थी। दो दिन पहले कोरबा एसडीएम सीमा पात्रे, अपर आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों की टीम मौके पर जांच करने गई थी। इस जांच के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की। निष्कर्ष सामने आया कि आग लगने से लेकर उसके फैलने और दुकानों के भीतर दम घुटने का इकलौता जिम्मेदार साहेब कलेक्शन का संचालक है। साहेब कलेक्शन के संचालक पर हुए एफआईआर के पीछे जांच टीम ने तीन बिंदुओं पर मुख्य तौर पर जांच की।आग कैसे लगी, क्या आग समय पर बुझाई जा सकती थी, फैलने से रोका जा सकता था और दम घुटने की प्रमुख वजह क्या थी? इन सारे ही पहलुओं पर बात सामने आई कि अगर साहेब कलेक्शन के स्टॉफ वीडियो बनाने की बजाय आग को बुझा देते या बुझाने का प्रयास करते, संचालक ने अपने कर्मियों को इसके लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया था। अवैध होर्डिंग्स और प्लाई के स्ट्रक्चर से आग फैलते हुए ऊपर तक पहुंची फिर धुंआ ऊपर भर गया। महिला चेंजिग रूम में थी, सारे स्टॉफ उसे बताए बगैर बाहर निकल गए।
गत 19 जून की दोपहर घटी घटना में पूरा काम्प्लेक्स जल गया वहीं एक महिला सहित तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। अलग-अलग विभागों की टीमे जांच में जुटी हुई थी। दो दिन पहले कोरबा एसडीएम सीमा पात्रे, अपर आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों की टीम मौके पर जांच करने गई थी। इस जांच के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की। निष्कर्ष सामने आया कि आग लगने से लेकर उसके फैलने और दुकानों के भीतर दम घुटने का इकलौता जिम्मेदार साहेब कलेक्शन का संचालक है। साहेब कलेक्शन के संचालक पर हुए एफआईआर के पीछे जांच टीम ने तीन बिंदुओं पर मुख्य तौर पर जांच की।आग कैसे लगी, क्या आग समय पर बुझाई जा सकती थी, फैलने से रोका जा सकता था और दम घुटने की प्रमुख वजह क्या थी? इन सारे ही पहलुओं पर बात सामने आई कि अगर साहेब कलेक्शन के स्टॉफ वीडियो बनाने की बजाय आग को बुझा देते या बुझाने का प्रयास करते, संचालक ने अपने कर्मियों को इसके लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया था। अवैध होर्डिंग्स और प्लाई के स्ट्रक्चर से आग फैलते हुए ऊपर तक पहुंची फिर धुंआ ऊपर भर गया। महिला चेंजिग रूम में थी, सारे स्टॉफ उसे बताए बगैर बाहर निकल गए।