कोरबा@M4S: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सरकार का वैधानिक निकाय है। आयोग का गठन बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 के अंतर्गत मार्च 2007 में किया गया है। आयोग का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम एवं संविधान मे निहित तथा अन्य अधिनियमों के तहत् प्रदत्त अधिकार प्राप्त करने हेतु उन्हें सक्षम बनाना है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में किसी भी प्रकार के बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें आयोग की बेंच के समक्ष 20 जून 2023 को जिला पंचायत सभा कक्ष में सुनी जाएंगी। इस संबंध में बालक, माता-पिता, अभिभावक, कार्यवाहक या अन्य कोई व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयोजन का उद्देश्य गांवों में चिन्हिंत असुरक्षित परिवार और अति संवेदनशील बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए तथा बाल अधिकारों के उल्लंघन एवं उनके हनन संबंधी मामलों, शिकायतों की जांच सुनवाई एवं निराकरण के लिये है। शिविर में आरबीएसके दल, स्वास्थ्य जांच, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, दिव्यांगता पेंशन और दिव्यांग संबंधी सुविधा, आयुष्मान भारत कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता खुलवाने राज्य और विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना में सम्पर्क किया जा सकता है।