नई दिल्ली(एजेंसी):वो दिन अब पुराने हो चले हैं जब आपको अपने स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए घंटो तक चार्ज में लगाना पड़ता था। अब टेक्नोलॉजी काफी हद तक बड़े बदलाव के साथ आगे बढ़ी है। नै टेक्नोलॉजी के बदौलत नई जेनेरेशन वाले फास्ट चार्जर से आप 6,000 mAh की बैटरी वाले फोन को जीरो से 60% तक 30 मिनट से भी कम समय में चार्ज कर सकते हैं।
हालांकि इस नई फास्ट-चार्जिंग (Fast Charging Ke Nuksan) टेक्नोलॉजी के आने के बाद फोन को लेकर लोग काफी चिंतित रहते हैं। क्या फास्ट-चार्जिंग से फोन गरम हो क्या जाएगा? क्या इससे फोन की बैटरी लाइफ कम हो जाएगी? आज हम इन्ही सवालों का जवाब देने वाले हैं। आइए आज हम आपको फास्ट-चार्जिंग से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में डिटेल से बताते हैं।
फास्ट चार्जिंग के फायदे
स्पीड: आपके फोन को एक घंटे से भी कम समय में चार्ज करने की क्षमता, जबकि इसमें कई घंटे लगते हैं, बहुत से लोगों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है। एक जमाना था जब हम फोन को चार्ज करने के लिए घंटो भर बिजली का इंतजार करते थे। थोड़ी सी बैटरी डाउन होने पर हम तुरंत अपने फोन को चार्ज में लगा देते हैं।
फास्ट चार्जिंग (fast charging advantages) के आने के बाद अब आपका फोन महज कुछ मिनटों में चार्ज हो जाता है। ये आपके पैसे और समय की भी बचत करता है। अगर आप हमेशा चलते रहते हैं और आपके पास पावर बैंक नहीं है, तो दो मिनट का फ़ास्ट चार्ज समय से आपको घर पहुंचने तक हेल्प कर सकता है।
बड़ी कैपेसिटी वाली बैटरियों का ज्यादा इस्तेमाल: बाजार में कई स्मार्टफोन और टैबलेट में उनके बड़े आईपीएस डिस्प्ले या ओएलईडी डिस्प्ले स्क्रीन रियल एस्टेट और/या पुरे हार्डवेयर स्पेक्स के कारण उनमें अधिक बैटरी क्षमता होती है। फ़ास्ट चार्जिंग की बदौलत अब स्मार्टफोन कंपनियां फोन में बड़ी बैटरी देना शुरू कर दिया है।
नई टेक्नोलॉजी के आने से पहले कंपनिया स्मार्टफोन में काफी कम बैटरी कैपेसिटी देती थी। फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी के आने से पहले इन फोन को चार्ज करने में कई घंटो का समय लगता था। लेकिन अब बड़ी से बड़ी स्मार्टफोन बैटरी को चाँद मिंटो में चार्ज किया जा सकता है।
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फास्ट चार्जिंग में सेफ्टी का ध्यान: आजकल के लगभग सारे स्मार्टफोन फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आते हैं। कंपनिया इस टेक्नोलॉजी के साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखती हैं। आजकल के स्मार्टफोन में एक खास फीचर दिया जाता है। इस खा फीचर की मदद से जब आपकी बैटरी फुल चार्ज हो जाती है तो पॉवर कट ऑटोमैटिक बंद हो जाता है।
क्वालकॉम की मुख्य क्विक चार्ज तकनीक के तहत ऑप्टिमम वोल्टेज या INOV तकनीक के लिए इंटेलिजेंट नेगोशिएशन पर भी यही सिद्धांत लागू होता है। आपकी बैटरी जैसे 90% तक पहुंचती है आपका फोन ऑटोमैटिक धीरे-धीरे चार्ज होने लगता है। फोन का टेम्प्रेचर बढ़ने पर ऑटोमैटिक पॉवर सप्लाई बंद हो जाती है।
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फास्ट चार्जिंग के नुकसान
बैटरी लाइफ: एक सीमा जो आज की तकनीक की दुनिया में अभी भी बार-बार आती है, वह लिथियम-आयन बैटरी का लाइफटाइम है। ली-ऑन बैटरियों के साथ समस्या यह है कि उनका एक सीमित चार्ज और डिस्चार्ज चक्र होता है। तेज़ चार्जिंग के साथ, लोगों द्वारा अपनी बैटरी की बड़े पैमाने पर देखभाल करने की संभावना कम होती है, जिसके कारण वे बैटरी को अत्यधिक चार्ज करते हैं, जिससे उनका बैटरी लाइफ कम हो जाता है।
बैटरी का हीट होना: फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी से आपका फोन व फ़ोन की बैटरी हीट हो सकती है। यह गर्मियों में ज्यादा परेशान कर सकती है। फ़ास्ट चार्जिंग से आपके फ़ोन की बैटरी लाइफ भी कम होती है और चार्ज कम चलता है। फ़ोन की बैटरी भी जल्दी खराब हो जाती है। यही कारण है कि फास्ट चार्जिंग के तहत डिवाइस आमतौर पर सामान्य चार्जिंग की तुलना में तेजी से गर्म होते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गर्मी की वजह से बैटरी लाइफ के लिए खतरनाक है।
हार्डवेयर कॉम्पैटिबिलिटीज: याद रखें कि फास्ट चार्जिंग बैटरी को तेजी से चार्ज करने के लिए विभिन्न तकनीकों और मानकों के साथ आती है। फिर भी, फास्ट चार्जिंग का एक और नुकसान यह है कि सभी डिवाइस के लिए काम करने वाला कोई एकल प्रोटोकॉल या कोई स्टैंडर्ड नहीं है।
कुछ प्रकार की फ़ास्ट चार्जिंग केवल स्पेशल केबल और चार्जर के साथ काम करती हैं। उदाहरण के लिए सैमसंग का एक स्पेशल चार्जर तेजी से चार्ज करने में सक्षम iPhone को चार्ज नहीं करेगा। वहीं VOOC फ्लैश चार्जिंग के लिए चार्जर क्वालकॉम के क्विक चार्ज के साथ काम नहीं करेगा।