सुरक्षा कवच करेगा मदद, तत्काल पहुंचेगी टीम
कोरबा@M4S: कोयला कंपनी शून्य दुर्घटना के साथ शत-प्रतिशत लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन की कवायद में जुटा हुआ है। हादसों पर अंकुश लगाने और आपात परिस्थिति में कर्मियों की मदद के लिए नई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी कड़ी में सुरक्षा कवच उपकरण इजाद किया गया है, जिसकी मदद से मुसीबत के समय कोयला कर्मियों को तत्काल मदद मिल जाएगी।
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सुरक्षा कवच उपकरण के जरिए मुसीबत के समय एसईसीएल कर्मचारियों के एसओएस अलर्ट भेजते ही समय व स्थान की जानकारी स्वत: मिल जाएगी। इसके बाद रेस्क्यू टीम बिना देरी निर्धारित समय पर मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट जाएगी।एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट खदानों में भारी भरकम मशीनों को ऑपरेट कर रहे एसईसीएल कर्मियों को सुरक्षा कवच दिया है, जिसे उन्हें अपने शर्ट या पेंट की जेब में लटका कर रखना है।
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आपात स्थिति में कर्मचारी बचाव को लेकर इसकी मदद ले पाएंगे। सुरक्षा कवच के जरिए एसओएस अलर्ट मिलते ही मौके पर रेस्क्यू टीम पहुंच जाएगी।कोल इंडिया की डिजी कोल प्रोजेक्ट से एसईसीएल कोयला खनन प्रक्रिया के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों की बेहतर सुरक्षा व संकट की स्थिति में बिना देरी मदद को लेकर अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी का कंपनी प्रबंधन बखूबी उपयोग कर रही है। एसईसीएल की ओपन खदानों में शॉवेल, डंपर, सरफेस माइनर समेत अन्य भारी भरकम मशीनों का कोयला खनन में उपयोग होता है। इन मशीनों को चलाने वाले ऑपरेटरों को एसईसीएल ने सुरक्षा कवच उपकरण मुहैया कराया है।इसकी मदद से आपात स्थिति में एसओएस अलर्ट भेजकर रेस्क्यू टीम की मदद ली जा सकती है। यह उपकरण स्वत: ही वास्तविक समय व स्थान का पता लगा लेगी। इसके बाद बिना देरी के मदद मिल पाएगी। बता दें कि ओपन खदानों में माइंस के भीतर खनन फेस से कोयला व मिट्टी के उठाव के बाद कोल स्टॉक व ओवरबर्डन एरिया तक पहुंचाया जाता है।