इंडोनेशिया के दल ने रामकथा के स्वरूप को दर्शाया:छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन; CM भूपेश बघेल बोले- भांचा राम सबके हैं

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छत्तीसगढ़: रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की शुरुआत हो गई है। 12 राज्यों के अलावा विदेशों से भी कलाकार पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महोत्सव की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, भांचा राम सबके हैं। मार्च पास्ट से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सबसे पहले इंडोनेशिया के दल ने विदेशों में रामकथा के स्वरूप को दर्शाया। इसके बाद 21 सदस्यीय असम के दल ने अपनी प्रस्तुति दी। इस राष्ट्रीय महोत्सव में केरल, कर्नाटक, ओडिशा, असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रामायण दल शामिल हो रहे हैं। रामलीला मैदान में तीन दिन तक रामकथा होगी। अंतिम दिन कुमार विश्वास अपनी प्रस्तुति देंगे।

गोवा से पहुंचे कलाकारों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया। झारखंड से आए 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में मार्च पास्ट किया। उन्होंने विशेष तरह के मुखौटे भी पहने।

रावण ने की अगुवाई

केरल से 12 सदस्यीय दल, पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का 25 सदस्यीय दल, कर्नाटक और महाराष्ट्र से आए 18 सदस्यीय कलाकारों के दल ने मार्च पास्ट में अद्भुत प्रस्तुति दी। ऐसी प्रस्तुती भी दी गई, जहां भगवान राम भी भाई लक्ष्मण को अंतिम समय में रावण से ज्ञान प्राप्त करने भेजते हैं। ताकि रावण मृत्यु के वक्त अपना ज्ञान लक्ष्मण को दे सके। इस महोत्सव में 12 राज्यों के 270 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं और प्रदेश के 70 कलाकारों के साथ ही विदेशों से आए 27 कलाकार शामिल हैं।

भूपेश बघेल बोले-भांचा राम सबके हैं

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, राम सबके हैं, निषादराज के हैं, शबरी के हैं, सब उनमें आत्मीयता महसूस करते हैं। भगवान राम साकार भी हैं, निराकार भी हैं। राम को मानने वाले उन्हें दोनों स्वरूपों में मानते हैं। हमारी सुबह राम से होती है, शाम रामायण से।

भूपेश बघेल ने आगे कहा, हमारा प्रदेश कौशल्या माता का प्रदेश है। जहां भगवान राम का राजतिलक होना था, लेकिन वे वनवास गए। निषादराज से मिले, शबरी से मिले। ऋषि मुनियों से मिले। कितनी कठिनाई झेली पर अपनी मर्यादा नहीं खोई।

उन्होंने वनवास का 10 साल यहां गुजारा। छत्तीसगढ़ में उन्होंने इतने बरस गुजारे। हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ कौशल्या के राम से भी है। इसलिए वे हमारे भांजे हैं, और हम भांजों का पैर छूते हैं। छत्तीसगढ़ का कुछ न कुछ अंश भगवान राम के चरित्र में देखने को मिलता है। हमारा रिश्ता राम से केवल वनवासी राम का नहीं है। बल्कि हमारा रिश्ता शबरी के राम, कौशल्या के राम के रूप में भी है।

अहिरावण राम को मूर्च्छित कर ले गया पाताल
कम्बोडिया से आई टीम ने अहिरावण प्रसंग को प्रस्तुत किया और इसकी संगीतमय प्रस्तुति दी। इस प्रसंग में रावण के भाई अहिरावण राम को मूर्छित करके पाताल लोक ले जाता है। तब हनुमान, राम को सकुशल लाने के लिए पाताल लोक जाते हैं। जहां उनका सामना अपने ही पुत्र मकरध्वज से होता है। अंत में हनुमान, राम को वापस लाते हैं। इस प्रसंग को बड़े ही भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है। इस प्रसंग में राम को छुड़ाने अहिरावण से हनुमान का युद्ध भी दर्शाया गया।

सोशल मीडिया में नंबर 1 पर किया ट्रेंड
प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव से न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लोग जुड़ रहें है और गुरुवार को दिनभर सोशल मीडिया में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव छाया रहा। विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव नंबर 01 पर ट्रेंड करता रहा और लोगों ने रामायण महोत्सव के आयोजन की जमकर सराहना की है।

12 राज्यों के कलाकार शामिल

इस राष्ट्रीय महोत्सव में देश के 12 राज्यों सहित कंबोडिया और इंडोनेशिया के रामायण दलों द्वारा रामकथा पर भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी जाएगी। इन रामायण दलों की प्रस्तुति में भगवान राम की रामकथा की झलक देखने को मिलेगी। रामायण के अरण्यकाण्ड पर रामायण दलों की प्रतियोगिता प्रतिदिन आयोजित की जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकार भजन संध्या में अपनी संगीतमय प्रस्तुति देंगे।

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