नई दिल्ली(एजेंसी):पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी, जिसे शॉर्ट फॉर्म में क्रिप्टो भी कहा जाता है, का चलन तेजी से बढ़ रहा है। खासकर युवाओं में इसे लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। युवा तेजी के साथ क्रिप्टो की ओर आकर्षित होते जा रहे हैं।
दुनिया भर में लोग अलग-अलग क्रिप्टो जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, डोजीकॉइन इत्यादि जैसे तमाम तरह की क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना होगा। लेकिन ज्यादातर लोगों को क्रिप्टो के बारे में कम ज्ञान है। अलग-अलग देशों में इस क्रिप्टो को लेकर अलग-अलग तरह के नियम और कानून बनाए गए हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत में क्रिप्टो को लेकर क्या नियम और कानून है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ-साथ देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित विभिन्न सरकारी प्रवक्ताओं द्वारा दिए गए विभिन्न प्रमुख बयानों के आधार पर, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी अवैध है, लेकिन भारत में इस पर कोई निश्चित प्रतिबंध नहीं है।
क्रिप्टो भारत में अनियमित हैं, लेकिन केंद्रीय बजट 2022 के अनुसार, भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर 30 प्रतिशत टैक्स और स्रोत पर 1 प्रतिशत टैक्स कटौती की घोषणा की थी।
नियम और कानून
देश में क्रिप्टो को लेकर कोई भी आधिकारीक तौर पर नियम और कानून नहीं है। वित्त मंत्री ने अपने पिछले बजट में सिर्फ क्रिप्टो पर लगने वाली टैक्स की बात की थी, इसलिए भारत में क्रिप्टो को लेकर और ज्यादा उलझन है। वित्त मंत्री ने जो अपने बजट भाषण में क्रिप्टो को लेकर जो बाते कही थी उनमें:
- क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को अपनी आय के हिस्से के रूप में कैलकुलेटेड प्रॉफिट और लॉस को रिपोर्ट करने की आवश्यकता है।
- डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी, NFTs आदि शामिल हैं।
- आभासी संपत्तियों के हस्तांतरण से कमाई की रिपोर्ट करते समय केवल अधिग्रहण की लागत और कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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- खरीदार के भुगतान पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) की 1 प्रतिशत कटौती है अगर यह सीमा पार कर जाती है।
- यदि क्रिप्टोकरेंसी को उपहार के रूप में प्राप्त किया जाता है या स्थानांतरित किया जाता है तो यह गिफ्ट के अंत में टैक्स के अधीन होगा।
- यदि आपको वर्चुअल एसेट इन्वेस्टमेंट से कोई नुकसान होता है, तो इसे अन्य आय के साथ संतुलित नहीं किया जा सकता है।
क्या भारत में बैन हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी-20 देशों के साथ क्रिप्टो को लेकर नियामकीय व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही जी-20 देश क्रिप्टो को लेकर कोई फैसला ले सकते हैं।
हाल ही में भारत सरकार ने क्रिप्टो ट्रेडिंग से संबंधित कुछ प्रक्रियाओं को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत डाल दिया था। वैसे भी FTX के पतन के बाद पूरी दुनिया में सरकारें क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाले एक्सचेंज पर सख्त निगरानी रखने लगी हैं।
क्रिप्टो की रुलिंग के लिए आरबीआई का कदम
पिछले साल दिसंबर महीने में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की पहली डिजिटल करेंसी ई-रुपी (e-RUPI) को लॉन्च किया था। डिजिटल रुपया या eINR या E-Rupee भारतीय रुपये का एक सांकेतिक डिजिटल संस्करण है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी किया जाता है।
e-RUPI के आधिकारीक वेबसाइट के मुताबिक देश में 8 बैंक भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, ऐक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में e-RUPI लाइव है।
क्रिप्टोकरेंसी बिल
क्रिप्टोकरेंसी बिल 2021, एक विधायी पहल है, जिसे भारत में क्रिप्टोकरंसी के संपन्न बाजार को विनियमित करने के लिए सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था। यह बिल अभी भी लंबित है और फिलहाल परामर्श के लिए खुला है, जिसकी वजह से बिल को पास होने में अभी कुछ और समय लग सकता है।
देश में क्रिप्टो को लेकर भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2022 में आभासी संपत्ति पर कराधान पेश किया था। इसे क्रिप्टो पर नकेल कसने की ओर पहला कदम बताया जा रहा है। भारत में वज़ीरएक्स (WazirX), कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), ज़ेबपे (Zebpay), इत्यादि जैसे प्लेटफॉर्म से इस करेंसी में ट्रेडिंग होती है।