नई दिल्ली(एजेंसी):केंद्र सरकार की ओर से छोटी बचत योजना पर मिलने वाली ब्याज में मार्च के अंत में 0.70 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद पोस्ट ऑफिस द्वारा वरिष्ठ नागिरकों के लिए चलाई जाने वाली सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम (Senior Citizens Savings Scheme (SCSS)) पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दी जा रही है, जो कि वरिष्ठ नागरिकों को बैंक एफडी में मिलने वाली औसत 7.5 प्रतिशत की ब्याज दर से अधिक है। अधिक ब्याज के साथ इसके कई और भी फायदे हैं आइए जानते हैं।
5 साल का मैच्योरिटी पीरियड
सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड पांच साल को होता है। यानी इस स्कीम में कम से कम पांच साल के लिए आपको निवेशित रहना होता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद आप इसे तीन साल के लिए आगे बढ़वा सकते हैं। अगर आप इस समय अवधि से पहले अपना खाता बंद करते हैं तो जुर्माने का भुगतान करना होता है।
अगर आपने खाता खोलने के एक साल के अंदर बंद कर दिया तो किसी प्रकार की ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा। एक साल बाद निकालते हैं तो 1.5 प्रतिशत का और दो साल बाद अकाउंट बंद करने पर एक प्रतिशत की पेनल्टी लगती है।
अधिकतम निवेश और ब्याज
पोस्ट ऑफिस की सिनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम में आप अधिकतम 30 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। न्यूनतम हजार रुपये के निवेश से इसमें शुरुआत की जा सकती है। इस योजना में 8.2 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज निवेशक को दिया जा रहा है, जिसका भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है।
इनकम टैक्स में छूट
अगर आप इस स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको एक साल में 1.5 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत मिलती है।
कौन खोल सकता है SCSS अकाउंट
60 वर्ष से अधिक का कोई भी भारतीय नागरिक सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम में अकाउंट खोल सकता है। साथ ही 55 से 60 वर्ष से कम रिटायर सरकारी कर्मचारी अपनी रिटारमेंट के एक महीने के अंदर एससीएसएस अकाउंट खोल सकता है। वहीं, डिफेंस कर्मचारियों के लिए ये सीमा 50 से 60 वर्ष के बीच है।