एसईसीएल मुख्यालय ने वार्ता के लिए 24 अप्रैल को बैठक करने जारी किया पत्र
कोरबा@M4S:ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले एसईसीएल क्षेत्र के भूविस्थापित किसानों की रोजगार मुआवजा बसाहट और अन्य समस्याओं को लेकर 11 सूत्रीय मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन चलायी जा रही है । जिसके तीसरे चरण में 16 अप्रैल को कुसमुंडा खदान के उत्खनन और परिवहन कार्य रोकने का एलान किया गया था । अपने पहले चरण के आंदोलन में सन्गठन के द्वारा विगत 25 मार्च को गेवरा खदान में सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक एसईसीएल गेवरा खदान को पूर्ण रूप से करीब 11 घंटे बंद करा दिया था इसी तरह से दूसरे चरण के दौरान दीपका क्षेत्र मे दिनभर उत्खनन , परिवहन और रोडसेल प्रभावित हुआ था जिससे एसईसीएल को करोड़ो का नुकसान हो चुका है और पिछले आंदोलनों से सबक लेते हूए कुसमुंडा में प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर एसईसीएल प्रबन्धन सकते आ गया था तथा क्षेत्र स्तर के प्रबन्धन ने वार्ता की पेशकश कर रहे थे जिसे सन्गठन ने इंकार कर दिया था सन्गठन की ओर से कहा गया कि क्षेत्रीय स्तर पर अधिकारी केवल गुमराह करने में लगे हैं । मामला मुख्यालय और बोर्ड स्तर का होने के कारण सन्गठन ने सीएमडी व बोर्ड मेम्बरों की मौजूदगी में ही वार्ता कराने का शर्त रख दिया । आंदोलनकारियों ने कहा है कि क्षेत्रीय स्तर पर होने वाली बैठकों से कोई हल नही निकल पाया है ,चर्चा और संवाद सीएमडी और बोर्ड मेंबरों के साथ होगी क्योंकि मांगों को लेकर एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय सीएमडी को नोटिस दिया गया है और उसी स्तर पर समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है । आखिरकार मुख्यालय से कार्मिक व भूराजस्व तथा श्रम शक्ति विभाग ने सयुंक्त रूप से वार्ता कर समस्याओं के समाधान के लिए उचित कार्यवाही का पत्र जारी किया है जिसे मानते हुए 16 अप्रैल कुसमुंडा खदान बन्द के प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित करने की सहमति दी गईं है ।
ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि 11 सूत्रीय मांगों पर 5 चरणों मे आंदोलन की घोषणा की गई है एसईसीएल मुख्यालय से जारी पत्र में निदेशक मंडल व सक्षम अधिकारियों की शामिल होने का आश्वसन के बाद 16 अप्रैल को कुसमुंडा खदान में होने वाला आंदोलन स्थगित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि हम देश मे कोयला संकट को समझते हैं पर भूविस्थापित समस्या को लेकर कोई समझौता नही कर सकते । 24 अप्रैल को बैठक में कलेक्टर साहब को भी शामिल कराने की मांग रखी गयी है जिसमे ठोस नतीजे सामने निकल कर आ सके । सार्थक फैसला नही आने पर आगे का आंदोलन यथावत रखते हुए पुनः कुसमुंडा में आंदोलन करने से पीछे नही हटेंगे । उन्होंने बताया कि मुख्यालय से जारी पत्र के आधार पर कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत खोडरी में आयोजित बैठक में आंदोलन स्थगन का निर्णय लिया गया है।