AMRITSAR TRAIN ACCIDENT: दशहरा देख रहे लोगों पर ट्रेन चढ़ी, 58 की मौत 72 लोग हुए घायल

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नई दिल्ली@(एजेंसी):दशहरा के मौके पर पंजाब के अमृतसर में बड़े रेल हादसे की खबर आई है। पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन कई लोगों को रौंदते हुआ चली गई। उप जिलाधिकारी राजेश शर्मा ने हादसे में अभी तक 50 लोगों के मरने की पुष्टि की थी। अब मरने वालों की संख्या 50 से बढ़कर 58 हो गई है। वहीं 72 लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों इलाज जारी है।
हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, अमृतसर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर बहुत दुखी हूं। घटना हृदयविदारक है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है, और प्रार्थना कर रहा हूं कि जो लोग इसमें घायल हुए हैं, वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं। मैंने अधिकारियों को सभी आवश्यक सहायता मुहैया कराने को कहा है। पंजाब सरकार ने हादसे में मरने वालों के परिवार को पांच लाख की सहायता राशि देने का एलान किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राहत अभियान की निगरानी के लिए अमृतसर जाने के दौरान कहा कि मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को मुफ्त इलाज सहायता दी जाएगी। इस बीच शिरोमणि अकाली दल के जिला अमृतसर प्रधान गुरप्रताप सिंह टिक्का ने पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री सुखवीर सिंह बादल की तरफ से एलान किया कि घायलों का इलाज शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति के अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाएगा।
ट्रेन हादसा : हेल्पलाइन नंबर
रेलवे ने परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं- 0183-2223171, 0183-2564485
मनावला स्टेशन : 73325, 0183-2440024
पावन केबिन अमृतसर : 72820, 1083-2402927
विजय सहोता, एसएसई – 7986897301
विजय पटेल, एसएसई – 7973657316
हादसे के वक्त वहां मौजूद लोगों ने बताया कि उनकी आंखों के सामने ट्रेन लोगों को रौंदते हुए चली गई। चश्मदीदों की मानें तो ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी।
दशहरा जैसे पर्व पर रेलवे या स्थानीय प्रशासन को रेलवे ट्रैक के समीप बरतनी चाहिए चौकसी
रावण का पुतला दहन रेलवे ट्रैक से काफी दूरी पर होना चाहिए, स्थानीय प्रशासन ने नहीं बरती सावधानी
रावण दहन के दौरान बंद कर देना चाहिए था रेलवे फाटक, भीड़ के हटने के बाद ट्रेन को देना चाहिए था ग्रीन सिग्नल
मौके पर मौजूद सुरक्षा तंत्र की घोर अनदेखी के कारण गई कई लोगों की जान
ट्रेन की गति कम होती तो बच सकती थी कई लोगों की जान

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