नई दिल्ली(एजेंसी): देश की शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव लाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क का मसौदा जारी कर दिया है। फ्रेमवर्क के अनुसार, छात्रों को स्ट्रीम के बंधन से इतर मनमाफिक विषय चुनने की आजादी मिलेगी। इस मसौदे पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं।शिक्षा मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर में फाउंडेशन स्तर का फ्रेमवर्क जारी किया गया था। इसी कड़ी में अब स्कूली शिक्षा का फ्रेमवर्क जारी किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चार राष्ट्रीय कैरिकुलम फ्रेमवर्क-स्कूली शिक्षा, प्राथमिक, शिक्षक प्रशिक्षण और प्रौढ़ शिक्षा जारी किए जाने हैं। सभी एनसीएफ के लिए मंत्रालय ने डा. के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में संचालन समिति का गठन किया था।समिति ने फाउंडेशन स्तर के फ्रेमवर्क को जारी करने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों, शैक्षिक संस्थानों, विषय विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों से इनपुट लिए थे। इसके अलावा पांच सौ से भी अधिक जिला स्तरीय बैठकें भी की गईं। मंत्रालय ने अगस्त 2022 में एक सर्वे भी शुरू किया, जिसमें 12 लाख से अधिक लोगों ने अपने फीडबैक दिए। इसी के तहत स्कूली शिक्षा के फ्रेमवर्क के मसौदे पर सभी पक्षों से सुझाव मांगे गए हैं।फ्रेमवर्क के अनुसार, सेकेंड्री स्टेज चार वर्ष का होगा। क्लास नौ, दस, 11 और 12। इस दौरान छात्रों को कई तरह के विषय पढ़ने को मिलेंगे, जिनमें कुछ अनिवार्य कोर्स, पसंद आधारित कोर्स और व्यावसयिक शिक्षा शामिल हैं। कला और खेल कैरिकुलम के अनिवार्य घटक होंगे। साइंस, आर्ट व हयूमैनिटीज (मानविकी) तथा कामर्स की मौजूदा प्रणाली की जगह छात्रों को स्ट्रीम के बंधनों से मुक्त विषय चुनने की आजादी होगी।छात्रों को अपनी व्यक्तिगत और करियर संबंधी आकांक्षाएं पूरी करने के लिए ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा। सेकेंड्री स्टेज दो भागों में विभाजित होगी। नौवीं और दसवीं में बोर्ड कैरिकुलर क्षेत्र (जैसे साइंस, सोशल साइंस और ह्यूमैनिटीज)। इस दौरान छात्र इन विषयों को समझेंगे और इसके बाद दूसरे चरण में 11वीं और 12वीं में उन्हें तमाम विषयों को गहराई से समझने का मौका मिलेगा। यहां छात्र अपने लिए खास क्षेत्र और विषय चुन सकेंगे-करियर के लिहाज से भी और उच्च शिक्षा के लिहाज से भी।
ग्रेड दस पूरा करने के लिए छात्रों को दो साल में आठ कैरिकुलम क्षेत्रों से लिए गए 16 अनिवार्य कोर्सों को पढ़ना होगा। ये कैरिकुल एरिया हैं-ह्यूमैनिटीज (भाषा समेत), गणित, गणना, व्यावसायिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, आर्ट, सोशल साइंस, साइंस और कुछ अंतर विषय वाले क्षेत्र। 11वीं और 12वीं में भी यही आठ कैरिकुलर क्षेत्र जारी रहेंगे, लेकिन छात्र अपनी पसंद के कोर्स चुन सकेंगे और उन्हें इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि वे छात्रों को कहीं अधिक गहराई से विषय को समझने में मदद कर सकें।
सेकेंड्री स्टेज का चरण सेमेस्टरों में विभाजित होगा और प्रत्येक पसंद आधारित कोर्स एक सेमेस्टर का होगा। छात्रों को 12वीं उत्तीर्ण करने के लिए 16 पसंद आधारित कोर्स पास करने होंगे। छात्रों को बोर्ड परीक्षा तब देनी होगी जब वे इसके लिए खुद को तैयार मानेंगे। परीक्षा देने का उन्हें एक ही अवसर मिलेगा। हालांकि, अगर कोई छात्र उसी वर्ष तय समय पर परीक्षा नहीं दे पाता है तो उसे अपनी सुविधा से दूसरा मौका भी मिलेगा।