कोरबा@M4S: विवादों में घिरे कोरबा के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे के एक नए कारनामे का खुलासा हुआ है। शासन से प्रश्रपत्र मिलने से पहले ही स्थानीय स्तर पर प्रश्नपत्र छपवाकर बंटवा दिए गए थे। फिर जब शासन से प्रश्नपत्र आए तो उसकी नए सिरे से छपाई करानी पड़ी।इस तरह से सात लाख ३८ हजार रूपए अतिरिक्त खर्च करने की पुष्टि हुई है। इस मामले में डीईओ पांडे के खिलाफ वसूली के आदेश दिए गए हैं। पांडे अभी सरगुजा संभाग में संभागीय संयुक्त संचालक के पद पर पदस्थ हैं।तत्कालिक डीईओ सतीश पांडे के खिलाफ मिली दो शिकायतों पर राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा विभाग द्वारा २७ फरवरी २०२१ को जांच के आदेश दिए गए थे। संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव की टीम ने इस मामले में जांच की थी।
जांच में पाया गया कि डीईओ पांडे को २०१८-१९ में प्रश्रपत्रों की छपाई के लिए ८७ लाख ४१ हजार ५३२ और २०१९-२० में ७६ लाख १४ हजार ८१३ रूपए आवंटित हुए थे। २०१८-१९ में वार्षिक परीक्षा कक्षा पहली से आठवीं तक के प्रश्नपत्र सह उत्तरपुस्तिका के प्रिंटिग पर ५२ लाख ४१हजार ७७७ रूपए का कार्य कराया गया, लेकिन भुगतान एक साल बाद २०१९-२० में किया गया। मुद्रक को एक लाख ४२ हजार ९४३ रूपए अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया,इसी तरह एक और मामले में २०१८-१९ व २०१९-२० में कक्षा एक से सातवीं तक के बच्चों की परीक्षा होनी थी। राज्य शासन से प्रश्नपत्र आने से पहले ही डीईओ ने स्थानीय स्तर पर प्रश्नपत्र तैयार कर छपाई करवा दी थी। इसमें आधे से अधिक प्रश्नपत्र की छपाई हो चुकी थी। फिर जब एससीईआरटी से प्रश्नपत्र मिले तो उसकी नए सिरे से छपाई कराई गई। इस तरह से अलग-अलग प्रिंट कराने में ७ लाख ३८ हजार ७५५ रूपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा।क्रय समिति अफसरों के आगे हाशिए पर
हर विभाग में विभागीय सामग्री खरीदी के लिए क्रय समिति का गठन किया गया है, लेकिन अफसरों के आगे ये समिति सिर्फ इशारे पर काम कर रही है। नियम कायदों को ताक पर रखकर सामग्री की खरीदी और अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा है। इस मामले में भी वित्तीय एवं भंडार क्रय नियम का पालन नहीं करने की पुष्टि हुई है। इससे सतीश पांडे की मुश्किलें बढ़ गई।
२४ किस्तों में वेतन से काटी जाएगी राशि, दो वेतनवृद्धि भी रोकने के आदेश
इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आर पी वर्मा ने आदेश जारी कर सतीश पांडे के वेतन से २४ किश्तों में ७.३८ लाख काटने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही गंभीर लापरवाही मिलने की वजह से दो वेतन वृद्धि रोकने की भी कार्रवाई की गई है।