नरहीं। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने दो दिनों से आसमान में बादल छाए रहने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। यदि बारिश हुई तो किसानों का नुकसान होना निश्चित है। ऐसे में किसान अपने नुकसान को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं
जनपद में बड़े पैमाने पर मटर, सरसों, गेहूं, चना, आलू, परवल, लौकी, करैला, ककड़ी, खीरा, तरबूज, खरबूज की खेती होती है। इन दिनों पकी हुई फसलों की कटाई कर खलिहानों में पहुंचाया जा रहा है। मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बेमौसम बारिश हुई तो किसानों को भारी नुक़सान हो सकता है। यदि ओले पड़े तो हरी सब्जियों सहित तरबूज, खरबूज की खेती बर्बाद हो सकती है।
कृषि विज्ञान केंद्र सोहांव के प्रभारी अधिकारी डॉ. सोमेन्द्र नाथ ने बताया कि यदि बारिश हुई तो फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। गेहूं की बाली हरी होगी उसको नुकसान नहीं होगा, लेकिन पकी हुई बाली वाले गेहूं को नुक़सान होगा। यदि ओले पड़े तो तरबूज, खरबूज की खेती चौपट हो जाएगी। आम फसलों को भारी नुक़सान होगा। खलिहानों में रखी गई फसलों को नुक़सान पहुंचेगा। सिर्फ बारिश हुई तो तरबूज, खरबूज की खेती को फायदा होगा।