वेतन विसंगति दूर करने सुपरवाइजरों ने सांसद को सौंपा मांग पत्र

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कोरबा@M4S: छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक कल्याण संघ के द्वारा वेतनमान में विसंगति दूर कर महिला कर्मचारियों को न्याय दिलाने हेतु आग्रह राज्य सरकार से किया है। इस संबंध में कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत को मांग पत्र सौंपते हुए पहल करने का आग्रह पर्यवेक्षकों द्वारा किया गया है।
पर्यवेक्षक संघ, महिला बाल विकास की प्रांताध्यक्ष श्रीमती ऋतु परिहार एवं सचिव श्रीमती जयश्री साहू ने ज्ञापन में बताया कि पर्यवेक्षकों को अभी भी 5200-20200 ग्रेड-पे-2400 प्राप्त होता है जो कि समकक्ष शैक्षणिक योग्यता के अधिकारियों से बहुत कम है। कार्यपालिक श्रेणी के कर्मचारी होने के बाद भी वेतन कम और कार्य दायित्व अन्य पदों की अपेक्षा अत्यधिक बढ़ा दिया गया है। वेतन का निर्धारण महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, समानता सिद्धांत के विरूद्ध है। छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यवेक्षकों की पदोन्नति के अवसर भी लगभग 6 प्रतिशत है इसलिए 94 प्रतिशत पर्यवेक्षक इसी पद से ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं। पदाधिकारियों ने बताया कि समान शैक्षणिक योग्यता स्नातक के आधार पर समकक्ष पदों में आबकारी निरीक्षक और वन परिक्षेत्राधिकारी का ग्रेड-पे छठवां वेतनमान अनुसार 4300, उच्च श्रेणी शिक्षक का 4200 है। इसके विपरीत महिला बाल विकास विभाग का ग्रेड-पे-2400 है। पर्यवेक्षकों को अपने कार्य दायित्वों में निरीक्षण, पर्यवेक्षण, प्रशिक्षण आदि कार्यों के साथ-साथ सभी विभागीय योजनाओं की ऑनलाइन एंट्री, मोबाइल एप जैसे तकनीकी और गैर-तकनीकी कार्य भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त परियोजना के शाखावार कार्यों का उत्तरदायित्व भी पर्यवेक्षकों को सौंप दिया जाता है। शेष विभागों में समयमान वेतनमान में संशोधन और वृद्धि की गई लेकिन पर्यवेक्षकों को लाभ नहीं दिया गया है। पर्यवेक्षकों को प्रथम समयमान पदोन्नत समयमान के बराबर 9300-34800 ग्रेड-पे 4300 दिया जाना चाहिए। यह भी मांग है कि परियोजना अधिकारी पद की भर्ती में 30 प्रतिशत सीधी भर्ती व 70 प्रतिशत पदोन्नति के प्रावधान का पालन किया जाए। विभाग में पर्यवेक्षकों के 1750 पद स्वीकृत है। अनुपात के अनुसार प्रदेश के 220 पदों में से 110 पदोंं पर पदोन्नति संभव है। 25 से 30 वर्ष की शासकीय सेवा अवधि के पर्यवेक्षकों को भी पदोन्नति नहीं मिल सकी है और जिन्हें यह अवसर मिलते भी है तो सेवानिवृत्ति से 2-3 वर्ष पूर्व मिले हैं। पर्यवेक्षकों ने वेतनमान निर्धारण में हुए भेदभाव को दूर करने के साथ ही पदोन्नति के अवसरों का भी बराबर लाभ देने का आग्रह ज्ञापन के जरिए किया है। ज्ञापन सौंपने के दौरान पर्यवेक्षक एवं कोरबा शहरी प्रभारी परियोजना अधिकारी श्रीमती संगीता कोर्राम सहित अन्य पदाधिकारी व पर्यवेक्षक भी उपस्थित थे।

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