पलाश के पेड़ बने किसानों की कमाई का जरिया रंगीनी लाख का किया जा रहा उत्पादन

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कोरबा@m4s: जंगल में होने वाले पलाश के पेड़ किसानों की कमाई का जरिए बन गए हैं। इन पेड़ों पर रंगीनी लाख का उत्पादन किया जा रहा है। इससे 16 गांव के 200 किसानों के प्रत्येक परिवार को सलाना 80 हजार रुपए तक की आय हो रही है।

 


जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में रंगीनी लाख की खेती के लिए अपार संभावनाएं है। यहां का लाख बाजार में 500 से 600 रुपए प्रति किलो की दर से बिकता है। जबकि अन्य क्षेत्रों में उत्पादित लाख की कीमत 300 से 400 रुपए के बीच होती है। इससे कमाई का जरिया बढ़ा है। विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के गांव मातिन में रहने वाले आदिवासी किसानों ने बताया कि उन्होंने 15 पेड़ पर रंगीनी लाख की खेती है। सालभर में लाख बेचकर औसत 80 से 90 हजार रुपए कमाते हैं। पेड़ पर रंगीनी लाख की खेती सालभर में दो बार होती है। पलाश के एक पेड़ पर लाख उत्पादन से हर साल पांच से छह हजार रुपए की प्राप्ति होती है। यही नहीं पलाश की खेत में बाड़ी का भी विकास किया है। इसमें आम अनार और काजू की खेती भी शामिल है। रंगीनी लाख और फल की खेती से सालभर में लगभग एक लाख 10 हजार रुपए तक की आमदनी होती है।कटघोरा वनमंडल के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में पलाश के पेड़ों की अधिकता है। इन पेड़ों का इस्तेमाल ग्रामीण जलाऊ लकड़ी के लिए करते हैं। लेकिन पर रंगीनी लाख का उत्पादन किया जा रहा है।

नबार्ड के सहयोग से हुआ संभव
बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत नबार्ड ने विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा में रहने वाले 16 गांव के 200 किसानों का चयन किया है। इन किसानों को रंगीनी लाख की एक हजार 674 किलो बीज उपलब्ध कराया गया है। लाख उत्पादन के लिए चयनित गांव के प्रत्येक किसान को पांच किलो रंगीनी लाख बीज प्रदान किया गया है। बीज को पलाश के 14 से 15 पेड़ों पर चढ़ाया गया है। पेड़ पर रंगीनी लाख के कीट तेजी से वृद्धि करते हैं।

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