कोरबा@M4S: नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के विषय में शिक्षकों को अवगत कराने प्रचार-प्रसार, शिक्षा, शिक्षण एवं विद्यार्थियों में सकारात्मक परिवर्तन लाकर सशक्त राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से अब इस विषय के मूल उद्देश्यों से शिक्षकों को रूबरू कराया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के हर विकासखंड अंतर्गत संकुलों के शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत मास्टर ट्रेनरों की मदद से जिले के 248 संकुल के व्याख्याताओं शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित करने के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का निर्माण करने नई शिक्षा नीति को शैक्षणिक संस्थाओं में लागू करते हुए व्यवहार में लाने की तैयारी तेजी से चल रही है। इसी क्रम में संकुलों के व्याख्याताओं को पावर पॉइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कोरबा (डाईट) में चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दो चरणों में दिया गया। प्रथम चरण में 14 से 17 दिसंबर तक जनपद पंचायत कोरबा, कटघोरा, करतला के 112 व्याख्याताओं को प्रशिक्षण दिया गया। द्वितीय चरण में 19 से 22 दिसंबर तक जनपद पंचायत पाली एवं पोड़ी उपरोड़ा के 104 व्याख्याताओं एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में अतिथि वक्ता एसएस तिवारी भौतिकी विभाग प्रमुख, शासकीय इंजीनियर विश्वेश्वरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय थे। मास्टर ट्रेनर्स के रूप में संजय पांडेय, चन्द्रेश दुबे, नित्यानन्द यादव, शशिकांत जायसवाल, टीआर यादव एवं ओम प्रकाश कंवर रहे। कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षण प्रभारी, व्याख्याता अरविंद शर्मा एवं प्रशिक्षण समन्वयक प्रभारी, व्याख्याता किरणलता शर्मा रहीं।
प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के आयाम
नई शिक्षा नीति में स्कूलों की प्राथमिक शिक्षा से लेकर हायर सेकेंडरी तक एवं उच्च शिक्षा अंतर्गत अनेक आयाम बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से बच्चों को स्कूल-कॉलेजों की शिक्षा के लिए उम्दा इंतजाम सुनिश्चित किए जा सकें। इससे पहले कि विद्यार्थियों को इससे जोड़ा जाए और व्यावहारिक तौर पर एनईपी की आवश्यकता को संस्थाओं, शिक्षकों, किताबों और बच्चों को पहुंचाया जाए, जरूरी है कि शिक्षकों को उसके तमाम गूढ़ बातों का भली-भांति इल्म हो जाए। यही वजह है जो इस प्रशिक्षण के माध्यम से नई शिक्षा नीति के समस्त आयामों पर स्कूली शिक्षा, सेकेण्डरी शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।