कोरबा@M4S: जिले में संचालित स्कूल प्रबंधकों को छोटे बच्चों के स्वास्थ्य की फिक्र नहीं है। ऐसा इसलिए कह सकते हैं कि काफी दिनों से ठंड काफी बढ़ गई है, सुबह की सर्द हवा काफी जोरों से चल रही है और तापमान भी लगभग 9 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है। फिर भी ना तो स्कूल प्रबंधन और ना ही जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग को इन छोटे-छोटे बच्चों की चिंता है और ना ही इनके स्वास्थ्य की कोई फिक्र। इन छोटे बच्चों को स्कूल सुबह 7.30 बजे तक पहुंचना रहता है दूर-दराज से आ रहे बच्चों को तो सुबह लगभग 6 से तैयार होकर बस स्टैंड में बस का इंतजार करना पड़ता है। इतनी भारी ठंड में पालक अपने बच्चों को सुबह-सुबह स्कूल भेजने को मजबूर हैं और उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बढ़ रही भारी ठंड के कारण बच्चे सर्दी, बुखार, खांसी का शिकार भी हो रहे हैं, जिसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को होने के बाद भी स्कूल के समय में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं और ना ही जिला प्रशासन शिक्षा विभाग को छोटे-छोटे बच्चों की चिंता है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन छोटे बच्चों का सुबह स्कूल का समय बदलाव करना चाहिए। एक तो इन दिनों स्कूलों में बच्चों का टेस्ट परीक्षा चल रहा है और बच्चे ठंड के कारण बीमार हो रहे हैं इसमें अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजें या उन्हें घर में रखें इसे लेकर काफी चिंतित भी हैं।युवा नेता नूर न्याज आरबी ने छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए तत्काल शिक्षा विभाग समेत जिले के सभी शासकीय/अशासकीय विद्यालयों को विगत वर्षों की तरह सुबह के समय सारिणी को बदलाव करने का उचित निर्देश कर कार्यवाही कराने हेतु मांग किया है। इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष अजय शर्मा, कोरबा प्रभारी राजकुमार दुबे, वरिष्ठ सदस्य श्रीमती लता बौद्ध, उमेश बोधानी, प्रवीण पालिया, सत्या जायसवाल, संजीत सिंहा, मो. मुसाहिद रजा इत्यादि सदस्य उपस्थित थे।