कोरबा@M4S: न्यूनतम वेतन सहित 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने मोर्चा खोल दिया है। जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन की बुधवार से शुरुआत हो गई है।बेमियादी प्रदर्शन के बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर आगे आंदोलन को विस्तार दिया जाएगा।
भारतीय मजदूर संघ व अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ से संबद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है। भामसं के जिला मंत्री नवरतन बरेठ ने बताया कि प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकायें समस्याओं से परेशान है। समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। अतिरिक्त मानदेय का भुगतान अत्यंत विलंब से हो रहा है। आकस्मिक व्यय हेतु राशि का आबंटन समय पर नहीं हो रहा है। टीए, डीए बिल का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है। सुपोषण चौपाल की राशि का भुगतान आज तक नहीं हो पाया। उपर से तुर्रा यह कि राज्य सरकार ने चुनाव पूर्व अपने चुनाव घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन देने का वायदा किया था, उससे भी मुकर गई है और केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाये गये वेतनमान का एक वर्ष का एरियर्स का भुगतान भी नहीं कर रही है। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने कीी उनकी मांग प्रारंभ से ही चल रही है। इन तमाम मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ राज्यभर अनिश्चित कालीन आंदोलन प्रारम्भ किया जा रहा है । पहले चरण में सभी जिला मुख्यालयों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं संघ द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बाद मांगे पूरी नही होने पर आगामी 22 दिसंबर से राजधानी में पहुँचकर आंदोलन करेंगे। इसके लिए जिला स्तर पर आंदोलन की तैयारी पूरी हो गई है।