दो सांडों की लड़ाई में गिरे बाइक सवार पिता पुत्र जर्जर सड़क के गड्ढे बन रहे हादसे का सबब

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कोरबा@M4S: गुरूवार सुबह करीब 9 सड़क पर सांडों की लड़ाई में एक बाइक चालक सड़क से गुजरते वक्त गड्ढे में गिर पड़ा। वह तो चोटिल हुआ ही  पीछे बैठा बेटा भी चोटिल हो गया। वहीं एक अन्य छात्र को भी सिर में चोट लगी है। लोगों ने बताया कि गड्ढे के कारण हर दिन कोई न कोई दुर्घटना का शिकार हो रहा है। पास में ही पीडब्ल्यूडी का ऑफिस भी है और पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी इसी रास्ते से आते- जाते हैं लेकिन सड़क पर घूमते मवेशी, सांड और कुत्ते के साथ-साथ गड्ढों का आतंक कायम है।


साकेत के सामने से होकर गुजरी सड़क पर अनगिनत छोटे-बड़े गड्ढे हैं, इन गड्ढों से गिट्टियां भी झांक रही हैं। इस रास्ते से होकर अजाक थाना, लोक निर्माण विभाग, बालाजी मंदिर, ईएसआईसी हॉस्पिटल, उद्यानिकी विभाग, दिव्य ज्योति छात्रावास, राजस्व कालोनी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, सहायक श्रमायुक्त कार्यालय, परियोजना प्रशासक आदिवासी विकास, किशोर न्याय बोर्ड, नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय, जिला परिवहन कार्यालय, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रीय कार्यालय, न्यू ऐरा प्रोग्रेसिव स्कूल, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, मत्स्य विभाग, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, उप पंजीयक कार्यालय, सेंट जेवियर स्कूल से होते हुए रजगामार मार्ग की ओर आना-जाना होता है।

इसके अलावा इसी मार्ग के दोनों तरफ आवासीय कालोनियां भी हैं जिनमें पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी निवासरत हैं। इसी रास्ते के बीच से होकर सिंचाई विभाग की कालोनी की ओर भी आना-जाना होता है जिस रास्ते पर रोजगार कार्यालय, आईटीआई, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दफ्तर व आवासीय क्षेत्र हैं। आईटीआई चौक से ढेंगुरनाला मार्ग पर भी जगह-जगह गड्ढों का साम्राज्य है। । मार्ग हमेशा हादसे का डर बना हुआ है।

मानिकपुर मार्ग भी है बदहाल
इसी तरह टीपी नगर चौक से मानिकपुर जाने वाले मार्ग पर गुरुघासीदास चौक से थोड़ा आगे बढ़ते ही छोटे-बड़े गड्ढों का सिलसिला शुरू हो जाता है। आंतरिक सड़कों का भी हाल बदहाल है। गड्ढों के अलावा लोगों के द्वारा अपनी व्यवस्था अनुसार सड़कों को काटकर पाईपलाइन बिछाने और नाली निकालने के लिए किए गए गड्ढे परेशानी का सबब बने हुए हैं। सीएसईबी कालोनी से सुभाष चौक की ओर जाने वाला मार्ग भी समस्याग्रस्त है। यहां तो प्रवेश करते ही गड्ढों के दर्शन होते हैं। शिव मंदिर के सामने काटे गए खंभे का टुकड़ा और इसके निकट ही सड़क के बीच निर्मित चेम्बर और इसका ढक्कन खतरा बने हुए है। इसी तरह शहर और इससे लगे बाहरी व आंतरिक सड़कों पर भी गड्ढे इंसानों और वाहनों को परेशान किए हुए हैं लेकिन डामर से इन गड्ढों को भरकर काम चलाऊ व्यवस्था बनाने का काम तक नहीं किया गया। लोगों के जेहन में ये सवाल है कि क्या इन सड़कों तक आते-आते डामर खत्म हो गया या फिर इन्हें उपेक्षित कर दिया गया है।

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