राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई चैतमा में मनाया गया संविधान दिवस

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कोरबा@M4S:क्षेत्रीय निर्देशालय भोपाल एस कबीर, युवा अधिकारी दीपेन्द्र उपाध्याय, राज्य संपर्क अधिकारी छत्तीसगढ़, अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय बिलासपुर समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा, जिला संगठक प्रो वाय के तिवारी, प्राचार्य संरक्षक एच आर निराला के निर्देश में संविधान दिवस पर मुख्यअतिथि नवीन सिंह जनपद पंचायत उपाध्यक्ष पाली, अध्यक्षता अमरनाथ कैवर्त एस एम डी सी अध्यक्ष चैतमा,विशिष्ट अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण जायसवाल, डी के आदिले, हेमंत नागदेव ,प्रभारी प्राचार्य चंद्राणी सोम रिजवान खान एवं कार्यक्रम अधिकारी वीरेन्द्र कुमार बंजारे उपस्थित में डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, छत्तीसगढ़ महतारी, स्वमी विवेकानंद  के फोटोज पर पुष्प अर्पित दीप प्रज्वलित पूजा कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम अधिकारी ने सभी अतिथियों, स्वयं सेवकों, विद्यार्थियों को प्रस्तावना का शपथ दिलाई।अतिथियों का स्वगत एवं स्वगत गीत कु रजनी कंवर, निशा ने की। जनपद पंचायत उपाध्यक्ष नवीन सिंह ने अपने वक्तब्य में संविधान दिवस पर विस्तार से बताया कि
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है. आज ही के दिन आजाद भारत को एक संविधान मिला था. 26 नवंबर 1949 को, संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को सूचित किया था, कि भारत सरकार ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को प्रतिवर्ष ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.

अध्यक्षता अमरनाथ विचार कर बताया कि
इस दिन हर देशवासी इस बात को लेकर गौरव महसूस करता है कि संविधान हम सब की सर की छत है. डॉ जायसवाल ने इस दिन स्‍कूल, कॉलेजों में संविधान दिवस मनाया जाता है।
अपने मूल रूप में, भारत के संविधान में 22 भागों और 8 अनुसूचियों में 395 लेख शामिल थे, जिसमें लगभग 145,000 शब्द थे.
– भारतीय संविधान अब तक अपनाया गया सबसे लंबा राष्ट्रीय संविधान है. चंद्राणी सोम प्रभारी प्राचार्य संविधान से संबंधित प्रश्नों पर स्वयं सेवकों, विद्यार्थियों से चर्चा की।राखी विंध्यराज ब्यख्याता ने
– वर्तमान में, संविधान में 25 भागों में 470 लेख और पांच परिशिष्टों के साथ 12 अनुसूचियां हैं.
– संविधान सभा के सदस्यों ने 2 साल और 11 महीने की अवधि में कुल 11 सत्र और 167 दिन में पूरे संविधान का निर्माण किया था. भागीरथी श्रीवास
– बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को संविधान का जनक माना जाता है.।कार्यक्रम अधिकारी वीरेन्द्र कुमार बंजारे ने बताया कि
– प्रेम बिहारी ने मूल संविधान को इटैलिक शैली में हाथ से लिखा. जिसके प्रत्येक पृष्ठ को चित्रकार राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने अलंकृत किया.मुरारीलाल धीवर ने संविधान की मौलिक अधिकारों के संबंध में बताया।ब्यख्याता सुरेन्द्र सिंह नेटी ने युवाओं को गीत के माध्यम से प्रेरित कर आभार व्यक्त किया। संविधान दिवस पर ब्यख्याता शिक्षक पार्वती राम,विजेता चतुर्वेदी धनराज मैडम ,चंद्रमुखी साहू, आशीष उपाध्याय, कीर्तन बघेल, देवनन्द वर्मा एवं स्वयं सेवकों सात दिवसीय विशेष शिविर का प्रमाण पत्र अतिथियों के हाथों वितरित कर स्वयं सेवकों ने भाषण, गीत, रंगोली, गीत, व्याख्यान किया।

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