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कोरबा@M4S: कोयला उत्पादन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एसईसीएल की कोशिश जारी है। एक दिन में कंपनी ने आठ लाख 22 हजार 489 क्यूबिक मीटर मिट्टी खनन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां तक पहुंचाने में एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका और कुसमुंडा की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। कोयला खनन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मिट्टी का उठाव बेहद जरुरी है। पिछले कुछ माह से एसईसीएल की कोयला खदाने लक्ष्य के अनुसार खनन नहीं कर पा रही हैं। इसे लेकर प्रबंधन परेशान है।
कंपनी के सीएमडी डॉ. प्रेमसागर मिश्रा लगातार खनन बढ़ाने पर जोर रहे हैं। इसके लिए कोयला की परत से मिट्टी हटाने के काम में तेजी लाई जा रही है। खनन में तेजी लाने के लिए कोल इंडिया स्तर पर अलग अगल निविदा जारी कर निजी कंपनियों को कोयला और मिट्टी खनन का काम सौंपा गया है।कुसमुंडा के अलावा गेवरा और दीपका में भी दो या दो से अधिक कंपनियां इस काम में लगी हुई है। इसके अलावा एसईसीएल की ओर से विभागीय कर्मचारियों को भी मिट्टी खनन के काम में लगाया गया है। कपंनी का जोर अधिक अधिक खदान से मिट्टी की परत को उठाने की है ताकि कोयला का नया फेस प्राप्त कर खनन में तेजी लाई जा सके।इसी कड़ी में एसईसीएल ने गत दिनों आठ लाख 22 हजार 489 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी खनन किया है। इसके एक दिन पहले एसईसीएल ने आठ लाख 19 हजार 795 क्यूबिक मीटर मिट्टी खनन किया था। इसी साल कंपनी ने 17 अक्टूबर को आठ लाख 17 हजार 99 क्यूबिक मीटर मिट्टी खनन किया था।मिट्टी निकालने के बाद खदान से कोयला खनन में बढ़ोत्तरी की उम्मीद बढ़ी है। चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी ने खदानों से 182 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य रखा है। इसमें मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, कुसमुंडा और दीपका से सबसे अधिक कोयला खनन का लक्ष्य रखा गया है।