भारतीय बीमा नियामक के नए प्रावधानों को रद्द करें सरकार : ज्योत्सना महंत प्रतिनिधि मंडल ने की कोरबा सांसद से मुलाकात

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कोरबा@M4S:भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित जीवन बीमा कमीशन, पारिश्रमिक पुरस्कार के लिए प्रस्तावित प्रारूप के संदर्भ में कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत को ज्ञापन सौंपा।
क्षेत्रीय मंडल के शाखा सचिव सहित प्रतिनिधि मंडल ने सांसद को सौंपे ज्ञापन में बताय कि वर्ष 1956 भारतीय जीवन बीमा निगम के शुरू होने के बाद निगम में लगातार उत्तरोत्तर प्रकृति अर्जित की और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान किया है। आज बीमा क्षेत्र में लगभग 25 लाख लोग अभिकर्ता के रूप में जुड़े हैं यानी 25 लाख परिवारों की आजीविका का एकमात्र साधन बीमा व्यवसाय ही है। राष्ट्र के 27 करोड़ पॉलिसी धारकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान कर उसका विश्वास हासिल किए हुए हैं परंतु बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के द्वारा प्रस्तावित एक नवीन प्रारूपों में अभिकर्ताओं के प्रथम वर्ष के कमीशन में कटौती एवं उन्हें प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाओं जैसे ग्रेज्युटी, समूह बीमा, टर्म बीमा, कार्यालय भत्ता आदि में भारी कटौती का प्रस्ताव किया गया है तथा ऑनलाइन पॉलिसी की बिक्री को प्रोत्साहित करते हुए अभिकर्ताओं को कमीशन से वंचित करने का प्रावधान प्रस्तावित किया है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के निर्णय से प्रत्येक संसदीय क्षत्र में हजारों परिवारों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो जाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए आईआरडीए के सदस्यों ने सांसद ज्योत्सना महंत से मांग की है कि उपरोक्त तथ्यों पर गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए नए प्रावधानों को रद्द कराने की दिशा में उचित कार्यवाही करे। सांसद ने प्रतिनिधि मंडल की मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री से प्रावधानों को रद्द करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में आमीर खान, डीके साहू, अखिलेश साही, दीपक राणा, श्रीकांत साहू, नर्सिंग भोई सहित अन्य शामिल थे।

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