कोरबा@M4S;शहर की मुख्य सडक़ भी अतिक्रमण का शिकार हो गई है, जिसके कारण सडक़ का दायरा सिमट रहा है। सडक़ के दोनों ओर बनी दुकानों का सामान सडक़ पर दूर तक निकल जाता है, जिसके कारण बड़ी गाडिय़ां आने पर छोटी बाइक वालों को भी परेशानी होती है, और यातायात भी प्रभावित होता है, खासकर किसी भी प्रकार के फेस्टिव सीजन में यह समस्या और बढ़ जाती है।
जिला मुख्यालय में पार्किंग की व्यवस्था नहीं बन पाई है। लाखों का मल्टी लेवल पार्किंग उपयोग में नहीं आ पाया है। नगर का विकास हुआ और सडक़ किनारे व्यापार बढ़ा। इसके साथ ही व्यापारियों ने अपनी दुकान के बाहर तक सडक़ में सामान निकालकर कब्जा कर लिया। दुकान संचालकों ने खुद की पार्किंग नहीं बनाई और इसका परीक्षण किए बिना ही अनुमति दे दी गई। पूर्व अधिकारियों की नादानी अब शहर के लिए नासूर बन गई है।व्यापार शहर में बढ़े यह जरूरी है, लेकिन व्यवस्था प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। दुकानदारों ने अपनी दुकानों के सामने वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं की, इसलिए खरीदी करने बाजार जाने वालों को नो पार्किंग जोन में अपनी गाडिय़ां खड़ी करनी पड़ती है। सडक़ के दोनों ओर दुकानें बन गई हैं। व्यवसाय बढ़ा तो व्यापारियों ने अपनी दुकानों की हद के बाहर सामान रखना शुरू कर दिया, अब वे इसे अपना अधिकार समझने लगे हैं। खासकर दीवाली के दौरान समस्या अब परेशान करने लगी है। खासकर पॉवर हाउस रोड, टीपी नगर, निहारिका, पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में वाहनों की रेलमपेल के बीच जाम लगा रहता है।