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हाथियों ने मचाया ताड़ंव, वृद्धा और मासूम बच्चे को पटककर मारा
आंगनबाड़ी में जान बचाने ली थी शरण, खिडक़ी तोडक़र बरपाया कहर
कोरबा@M4S:कोरबा वन मंडल में वन विभाग की नाकामी एक बार फिर जानलेवा साबित हो गई ।हाथियों के आक्रामक रवैये के सामने वन विभाग सहित आम लोगों के सभी जतन फेल हो गए। हाथियों से बचाव एवं ग्रामीणों की सुरक्षा की दृष्टि से फुटहामुड़ा के लोगों को जिस आंगनबाड़ी भवन में आश्रय दिया गया था, वहां पिछली रात 5 हाथी पहुंच गये। इसी समूह ने खिडक़ी तोडऩे के साथ बालक व एक वृद्धा को खींचकर बाहर निकाला और पटक मौत की नींद सुला दिया।
आंगनबाड़ी में मौजूद 13 लोगों की जान बच गई है। आज सुबह इस घटना के वन अमला को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा ।हाथी के हमले को लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली पर जमकर गुस्सा निकाला,जिला मुख्यालय कोरबा से लगभग 20 किलोमीटर दूर रात्रि तकरीबन 12.30 बजे के आसपास यह घटना हुई । बालकोनगर से लेमरू जाने वाले मार्ग पर ग्राम फुटहामुड़ा के आंगनबाड़ी भवन में आश्रय लेने वाले दो लोगों को हाथियों ने मौत के घाट उतार दिया। दोनों मृतक विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति से संबंधित हैं।
वनमंडल कोरबा के बालकोनगर रेंज के अंतर्गत फुटहामुड़ा में वन विभाग ने आसपास के 22 लोगों को सुरक्षा संबंधी कारणों से आंगनबाड़ी के पक्के भवन में ठहराया था। ये लोग गांव के कच्चे मकानों में निवासरत थे। कुछ दिनों से इस क्षेत्र में हाथियों का उत्पात कायम है। पिछले तीन दिन से हाथियों द्वारा मवेशियों को मारने और घरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं कुछ दूर पर स्थित बेला गांव में की गई है। इसे ध्यान में रखते हुए कच्चे घरों में रह रहे आदिवासियों के लिए दूसरे विकल्प तलाशे गए। जानकारी के मुताबिक फुटहामुड़ा के आंगनबाड़ी भवन में वन विभाग ने गांव के 15 लोगों को रहवास दिया। अस्थायी रूप से यह इंतजाम किया गया था। जानकारी के अनुसार पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चे, स्त्री और पुरूष भोजन करने के बाद रविवार की रात यहां सो रहे थे। मध्य रात्रि को हाथियों की आहट सुनायी दी जिस पर उनकी नींद टूट गई। इसी दरम्यान संबंधित भवन की खिडक़ी हाथी ने तोड़ दी। इसके पश्चात हाथियों ने आक्रामक रूख अपनाया।
एक कमरे में मौजूद 60 वर्षीय इतवारी बाई पति बुद्धुराम और 6 वर्षीय रोहित कुमार पिता रत्थू कोरवा को सूंड से खींच लिया। बाद में उन्हें जमीन पर पटकने के साथ रौंद दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। जिस वक्त यह घटना हुई आंगनबाड़ी के दूसरे कमरे में 13 लोग ठहरे हुए थे, जिन्होंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। हाथियों ने फुटहामुड़ा के आखिरी छोर में स्थित रतिलाल व बाबूलाल पहाड़ी कोरवा के कच्चे मकान को भी तोड़ डाला। रात में हुए घटनाक्रम के बाद डरे-सहमे लोगों ने 6 घंटे जागते हुए गुजारे। आज सुबह यह माजरा आम हुआ। इसके साथ ही बालको रेंज के रेंजर और अन्य अधिकारियों को इसकी खबर दी गई। हाथियों के डर से सहमे विभागीय कर्मियों ने किसी तरह मौके का रूख किया। वहां की स्थिति जानी। बालको पुलिस के आने पर दोनों मृतकों के शव का पंचनामा करने के पश्चात् उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है।