कोरबा@M4S:रविवार की सुबह 7 बजे से ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति दीपका इकाई समिति के तत्वाधान में भूविस्थापितों ने मोर्चा खोल दिया। एसईसीएल दीपका श्रमिक चौक से गांधी नगर मार्ग होते हुए बिलासपुर मार्ग पर कोल परिवहन बाधित कर दिया। जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही।
भूविस्थापितों का कहना है कि उन्होंने पूर्वजों की अमूल्य जमीन राष्ट्रहित में कोयला खनन के लिए दिया है। भूविस्थापितों के वैकल्पिक रोजगार सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की बनती है। ताकि विस्थापितों की आर्थिक, सामाजिक विकास हो सके। भूविस्थापित आर्थिक सुधार हेतु कोयला परिवहन का कार्य कर रहे हैं। पूर्व में एसईसीएल प्रबंधन द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया था कि कोयला परिवहन, टोकन, लोडिंग, अनलोडिंग व अन्य सुविधाओं में भूविस्थापितों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। स्थाई रोजगार की अनुपलब्धता में भूविस्थापित कोयला परिवाहन कार्य कर रहे हैं जिसमें एस ई सी एल के अधिकारियों एवं कोललिप्टर द्वारा किसी प्रकार की सहयोग प्रदान नहीं किया जा रहा है। उनका कहना है कि इसी समस्या को लेकर उन्होंने कोयला परिवहन का काम बाधित कर दिया है। आंदोलन के दौरान दीपका इकाई अध्यक्ष बसंत कुमार कंवर, उपाध्यक्ष प्रकाश कोर्राम, सचिव भागीरथ यादव, उपाध्यक्ष धनबाई कंवर, सरपंच कांति सिंह कंवर, उप-सरपंच विजयश्याम, संतोष चौहान, गजेंद्र सिंह ठाकुर, ललित महिलांग,े गोपाल बिंझवार, जितेंद्र राठौर, मुकेश यादव सहित अन्य ग्रामीण बड़ी संख्या मौजूद थे।
आगे भी जारी रहेगा आंदोलन
भूविस्थापितों की मांग है कि कोयला परिवहन में उन्हें प्राथमिकता दिया जाए। उनका कहना है कि चक्काजाम उपरांत 3 अक्टूबर को दीपका-हरदीबाजार बायपास में चक्काजाम किया जाएगा। फिर 4 अक्टूबर को सम्पूर्ण टोकन एंट्री बंद किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी एसईसीएल प्रबंधन एवं ट्रांसपोर्ट कंपनी होगी।