हाथियों ने फिर ली मवेशियों की जान 4 दिनों के भीतर 8 मवेशियों की मौत

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कोरबा@M4S: कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में हाथी मवेशियों के दुश्मन बने हुए हैं। यहां मौजूद 23 हाथियों के दल ने पिछले चार दिनों के भीतर रेंज के तीन गांवों में उत्पात मचाकर अब तक 8 से अधिक मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया है। हाथियों के उत्पात तथा इस दौरान मवेशियों को निशाना बनाने से ग्रामीण खासकर किसान काफी चिंतित हैं। साथ ही आर्थिक नुकसान झेलने को विवश भी है।
जानकारी के अनुसार 23 हाथियों का दल सेन्हा व आसपास के गांवों में विचरण कर रहा है। यह दल बीती रात फिर सेन्हा गांव की बस्ती में घुस गया और भारी उत्पात मचाया। इस दौरान हाथियों ने एक बैल को हमला कर मौत के घाट उतार दिया जबकि कई ग्रामीणों के खेतों व बाड़ी में लगे फसलों को क्षतिग्रस्त कर दिया। कल भी हाथियों का दल सेन्हा के आश्रित ग्राम बिलहिया में पहुंचकर दो मवेशियों को निशाना बनाते हुए मौत के घाट उतार दिया था। इतना ही नहीं तीन ग्रामीणों के घर को भी काफी नुकसान पहुंचाया था। इससे पहले अड़सरा के ढोढ़ीपारा में हाथियों का कहर बरपा था और कुछ घरों को तोडऩे के साथ ही 4 मवेशी हाथियों के हमले में मारे गए थे। इस प्रकारण हाथियों द्वारा लगातार क्षेत्र में पशुधन को मारे जाने तथा मकानों को तोड़े जाने से ग्रामीण चिंतित हैं। उनके द्वारा लगातार प्रशासन व वन विभाग से सुरक्षा की गुहार लगाई जा रही है लेकिन सिवाय आश्वासन व कागजी कार्रवाई के अभी तक कोई विशेष उपाय नहीं हो सका है।

हमले में गई नाबालिग की जान
मवेशियों के अलावा हाथी जन हानि भी पहुंचा रहे हैं।जि़ले के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान रेंज के सेन्हा गांव में हाथी के हमले से 16 वर्षीय सुखदेव सिंह की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सुखदेव 4 मित्रों के साथ हाथियों के दल को देखने गया था, इसी बीच हाथी ने उसे मौत के घाट उतार दिया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंची। बता दें कि पिछले कई दिनों से 23 हाथियों का दल पसान रेंज में विचरण कर रहा है। इस दल के हाथी पसान से घूमते हुए पिछले दिनों पिकनिक स्थल ग्राम झोरा पहुंच गए थे और वहां से होते हुए बालको रेंज के अजगरबहार सर्किल अंतर्गत डोंगाघाट में भी उन्होंने दस्तक दी। फसलों और खेतों को नुकसान पहुंचाते हुए यह दल वापस पसान लौटा।

पाली में बाघ की धमक से दहशत
कटघोरा वनमंडल में जहां हाथियों का उत्पात थमने नाम नहीं ले रहा है। वहीं पाली के चैतुरगढ़ में बाघ द्वारा बैल का शिकार की जाने की घटना सामने आई है। ग्रामीणों की माने तो संतोष दास का बैल चरने के लिए जंगल गया हुआ था, जहां सुखरी तालाब के निकट बाघ ने उस पर हमला कर दिया। हालांकि वन विभाग ने बाघ होने की पुष्टि नहीं की है।

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