कोरबा@M4S:कोरबा में लंबे संघर्ष और अथक प्रयास के बाद कोरबा जिले को आखिरकार मेडिकल काॅलेज की सौगात मिली। सरकारी स्वीकृति मिलने के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रेस वार्ता की और बताया,कि कोरबा के विकास के लिए मेडिकल काॅलेज मील का पत्थर साबित होगा जिसके माध्यम से छात्रों के साथ ही यहां रहने वाले लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से लाभ मिलेगा।
कांकेर और महासमुंद के बाद कोरबा के भी मेडिकल काॅलेज को शासकीय स्वीकृति मिल गई है। इस स्वीकृति के लिए कोरबा वासियों को काफी इंतजार करना पड़ा लेकिन अंत में कोरबा वासियों को यह सुविधा मिल ही गई। मेडिकल काॅलेज के संचालन को हरि झंडी मिलने के बाद प्रत्रकार वार्ता लेते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा,कि मेडिकल काॅलेज कोरबा के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल छात्रों को लाभ होगा बल्की मेडिकल के क्षेत्र में भी कोरबा उभरकर सामने आएगा जिसका लाभ पड़ोसी जिलों को भी मिलेगा। मेडिकल काॅलेज के खुल जाने से यहां रहने वाले लोगों के लिए भी रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि कोरबा जिले के विकास कार्य दलगत राजनीति से ऊपर रहकर करने का उनका संकल्प अब पूरा होता दिख रहा है.
क्षेत्र के लोगों ने भरपूर प्यार और विश्वास दिया, जिसके बूते उन्होंने कोरबा मेडिकल कॉलेज के वर्षों पुराने सपने को पूरा होता देखने में सफलता पाई है।गौरतलब है कि करीब ढाई साल पहले फरवरी 2020 में नवा छत्तीसगढ़ के कोरबा में प्रस्तावित नौवें मेडिकल कॉलेज को दिल्ली से हरी झंडी दी गई थी. राज्य शासन से भेजे गए ड्राफ्ट पर केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई और इसके बाद अधोसंरचना समेत अन्य आवश्यक संसाधनों की जुगत सुनिश्चित करने के बाद नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम ने कोरबा मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। काफी सोच विचार करने के बाद अब जाकर कोरबा में मेडिकल की पढ़ाई शुरु हो पाएगी। प्रेस वार्ता के दौरान निगम के सभापति श्यामसुंदर सोनी, सुरेंद्र जयसवाल जिला अध्यक्ष (ग्रामीण), सपना चौहान जिला अध्यक्ष (शहर), महापौर राजकिशोर प्रसाद के अलावा कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।