आऊट सोर्सिंग कंपनियों में विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100% रोजगार की मांग,
7 सितंबर को कुसमुंडा कार्यालय में तालाबंदी कर करेंगे अर्धनग्न प्रदर्शन।
कोरबा@M4S:कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खनन परियोजनाओं से विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग जिले की एक प्रमुख मांग के रूप में उभर रही है, क्योंकि अपनी जमीन से हाथ धो चुके परिवार आजीविका के साधनों के अभाव में बेरोजगारी का दंश सहने पर मजबूर है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को सभी आउट सोर्सिंग कंपनियों में 100% रोजगार उपलब्ध कराने की मांग दीपका,गेवरा, कुसमुंडा प्रबंधन से लगातार की जा रही है लेकिन प्रबंधन और आउट सोर्सिंग कंपनी विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर नहीं है। किसान सभा द्वारा प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग को लेकर कुसमुंडा कार्यालय के सामने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन के बाद कुसमुंडा महाप्रबंधक के नाम ज्ञापन सौंपकर 7 सितंबर को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय में तालाबंदी के साथ अर्धनग्न प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल के किसी भी झूठे आश्वाशन में अब प्रभावित गांव के बेरोजगार आने वाले नहीं है अब प्रभावित गांव के सभी बेरोजगारों को केवल रोजगार चाहिए।एसईसीएल में जमीन जाने के बाद गांव के बेरोजगार रोजगार के लिए भटक रहे हैं जिसका जिम्मेदार एसईसीएल के अधिकारी है। प्रबंधन और आऊट सोर्सिंग कंपनी आपस में साठगांठ कर रोजगार बेचने का काम कर रही है।विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के प्रति प्रबंधन गंभीर नहीं है। किसान सभा ने रोजगार के साथ आउट सोर्सिंग कंपनी में कार्य कर रहे ड्राइवर, हेल्पर, सुपरवाइजर एवं अन्य कर्मचारियों ने नाम गांव को सार्वजनिक करने की मांग की है जिससे पता चले कि किस गांव से कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया गया है।
किसान सभा के कुसमुंडा इकाई के अध्यक्ष जय कौशिक ने प्रभावित गांव के बेरोजगारों को एसईसीएल के अधीनस्थ कार्य कर रही सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों में 100% कार्य विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को उपलब्ध कराने की मांग की है। कौशिक ने आरोप लगाया कि विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार के लिये घुमाया जाता है और अंत मे कहा जाता है यहाँ कोई रोजगार नहीं है। आगे कुसमुंडा, गेवरा, दीपका सभी एरिया के बेरोजगारों को एकजुट करके रोजगार के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की नैतिक जिम्मेदारी एसईसीएल की है, लेकिन वह इसे पूरा करने से इंकार कर रही है, जिसके कारण विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है। जिसके कारण आज बेरोजगार अर्धनग्न प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए हैं। किसान सभा के नेतृत्व में रोजगार की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है अगर प्रबंधन ने समय में बेरोजगारों की मांगों को पूरा नहीं किया तो 7 सितंबर को कुसमुंडा कार्यालय का तालाबंदी करते हुए अर्धनग्न से भी आगे जाकर उग्र आंदोलन करेंगे।
रोजगार एकता संघ के रेशम यादव और दामोदर श्याम ने कहा की एस ई सी एल में जिनकी जमीन गई उनके स्थाई रोजगार की मांग को लेकर 300 दिनों से आंदोलन लगातार जारी है और प्रभावित गांव के सभी अन्य भू विस्थापित युवाओं को आउट सोर्सिंग कार्यों में सत प्रतिसत रोजगार उपलब्ध कराना एस ई सी एल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। रोजगार एकता संघ सभी बेरोजगारों के आंदोलन में साथ खड़ी रहेगी।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से दामोदर, रेशम, सुमेन्द्र सिंह,घनश्याम पवार,अनिल बींझवार,रघु यादव,होरी,नरेंद्र, मोहनलाल कौशिक, गणेशराम,रामप्रसाद, सरोज,हेमंत, आशीष यादव, संजय पांडे, सुनील दास, भूपेंद्र, पिला दाऊ, नागेश्वर, अरविंद, बृजमोहन, पियरे दिवाकर, सूरज, राजेश,फणीन्द्र, सुरेश, मुकेश,दिलीप के साथ बड़ी संख्या में बेरोजगार उपस्थित थे।