भालुओ का आतंक:भालू के हमले से शिक्षक की मौत, तीन घायल

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कोरबा@M4S:कोरबा में  हाथियों से निजात पाने के लिए कवायद में जुटे वन विभाग के सामने अब भालू आफत बन रहे हैं। ऐतमानगर रेंज में हिंसक भालू ने पिछली रात सरकारी स्कूल के एक प्रधान पाठक की जान ले ली। उसके शरीर पर 50 से अधिक प्रहार किये। कई घंटों तक लुकाछिपी के बाद आज तड़के भालू ने वनकर्मी के पति सहित 3 पर हमला बोल दिया। घायलों को पोड़ीउपरोड़ा सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद बिलासपुर रेफर किया गया।
 सूचनाओं के मुताबिक गुरुवार की रात 10 बजे यह घटना दमऊकुंडा नामक स्थान पर हुई। यह इलाका बांगों थाना और कटघोरा वनमंडल के ऐतमानगर रेंज में शामिल हैं। दमऊकुंडा में आदिवासी विकास विभाग का स्कूल संचालित हैं जहां कथा सिंह बतौर प्रधान पाठक पदस्थ था। गांव के पुराने स्कूल भवन का उपयोग वर्तमान में नहीं हो रहा था। विभाग ने नए भवन की व्यवस्था कुछ समय पहले यहां करायी है। इसलिए प्रधान पाठक पुराने भवन में निवासरत था। खबर मिली है कि गत रात्रि वह शौच के लिए नए स्कूल भवन जा रहा था। उसी दरम्यान नजदीक के जंगल से निकलकर आये भालू ने उस पर पूरी तरह हमला बोल दिया। सिर-हाथ-पैर से लेकर पूरे शरीर में भालू के हमले से प्रधान पाठक मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया। उसकी चीख-पुकार नजदीक में रहने वाले महिला वनकर्मी गुरूवारीन के परिवार और अन्य लोगों ने सुनी। लोगों की आहट पाकर भालू यहां से भाग निकला। हमले की आशंका मौजूद होने के मद्देनजर रात में ही सुरक्षा संबंधी जतन किए गए। पटाखे फोडऩे से लेकर आग जलाने की व्यवस्था की गई। इस दौरान भालू ने लोगों को काफी छकाया और डराया भी। वह कई मौकों पर यहां पहुंचा और फिर जंगल की ओट में जा छिपा। इन सबके बीच विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में आज तड़के चल रहे बचाव कार्य के दरम्यान भालू ने भीड़ में घुसकर हमला बोल दिया। इस घटना में दमऊकुंडा की महिला वन कर्मी गुरुवारीन का पति जगदीश सिदर 40 वर्ष और दो अन्य लोग घायल हो गये। पुलिस को घटना की जानकारी देने के बाद यहां आगे की कार्रवाई की गई। इस समय तक हमले में घायल प्रधान पाठक की मौत हो चुकी थी। उसके शव का पंचनामा करने के साथ घायलों को पोड़ीउपरोड़ा अस्पताल भिजवाया था। उनकी स्थिति को चिंताजनक पाते हुए बिलासपुर रेफर किया गया है।
 पांच माह बाद होते सेवानिवृत 
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति को लेकर पूर्व के नियम बदले हैं। उक्तानुसार अब 62 वर्ष का समयकाल इस हेतु रखा गया है। दमऊकुंडा के प्रधान पाठक जो इस घटना में मृत हुए हैं, की सेवानिवृत्ति को महज 5 माह का समय बाकी था। इस मामले उनके एक आश्रित को नीतिगत रूप से अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों ने प्रधान पाठक के असामयिक निधन पर शोक जताया है।

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