दिल्ली – आम बजट में भले ही आयकरदाताओं को छूट नहीं दी गई है, लेकिन ई-असेसमेंट के रूप में एक बड़ी सौगात दे दी है। इसके तहत करदाता स्क्रूटनी के दायरे में आता है तो उसे आयकर विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बल्कि वह विभाग द्वारा पूछी गई जानकारी अपने ईमेल से दे सकता है। इससे करदाता का समय बचेगा और काफी हद तक भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी।
कर विशेषज्ञों का कहना है कि करदाताओं के लिए यह बहुत बड़ी सौगात है। गौरतलब है कि अब तक सेल्फ असेसमेंट सिस्टम के तहत रिटर्न फाइल के वर्क्स स्वयं अपने आय की गणना करने के साथ ही कर का भुगतान रिटर्न फाइल करना होता है। इसके बाद भी आयकर विभाग को आपकी आय के संबंध में स्पष्टीकरण या डाक्यूमेंट्स चाहिए तो वह धारा 143(3) के अंतर्गत कर का निर्धारण करता है। इसे ही स्क्रूटनी असेसमेंट कहते हैं। स्क्रूटनी असेसमेट की स्थिति में अब तक करदाताओं को आयकर विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे।
अप्रैल से देशभर में लागू-
ई असेसमेंट की प्रक्रिया 1 अप्रैल से पूरे देश में लागू हो जाएगी। पिछले सालों तक ई असेसमेंट देश के केवल 103 शहरों में लागू था।
स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान-
स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान भी बजट में आया है। वेतनभोगियों के लिए यह काफी अच्छा है। अब वेतनभोगियों को पहले की तुलना में ज्यादा फायदा मिलेगा। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपका वेतन 4 लाख रुपए है। इसमें 2.5 लाख रुपए पर आयकर की छूट के बाद वाकी 1.50 लाख पर टैक्स लगता था। लेकिन अब से वेतनभोगियों को 40000 की और छूट मिल गई है यानी केवल 1.10 लाख पर टैक्स लगेगा।
इस स्थिति में ही जाना होगा विभाग-
करदाता को केवल एक ही स्थिति में विभाग जाना पड़ेगा, जब आयकर अधिकारी करदाता को बयान के लिए उपस्थित होने का आदेश देता है। अगर आयकर विभाग आपसे बिल या डाक्यूमेंट्स मांगता है तो आप उसे स्कैन कर अपने ईमेल से भेज सकते हैं।