भाजपा नेतृत्व के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने किसी वरिष्ठ और अनुभवी नेता को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना ज्यादा है, ताकि राज्यसभा के संचालन में उसे किसी तरह की बाधा का सामना ना करना पड़े। गौरतलब है कि राज्यसभा में भाजपा व एनडीए के पास बहुमत नहीं है। हालांकि वह जोड़-तोड़ कर अधिकांश मौकों पर अपनी बढ़त साबित करती रही है।
चूंकि भाजपा ने राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी महिला व पूर्वी भारत से उम्मीदवार बनाया है, ऐसे में संभावना है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम भारत या किसी अन्य क्षेत्र के नेता को तरजीह दी जाए। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को दूसरा कार्यकाल देने समेत नए उम्मीदवार को तय करने तक के सारे विकल्प अभी भाजपा ने खुले रखे हैं। हालांकि संकेत है कि पार्टी किसी नए नेता को ही इस बार चुनाव मैदान में उतारेगी।
इन नमाों पर चर्चा
अंदरूनी तौर पर जिन नामों को लेकर अटकलें हैं, उनमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, बंडारू दत्तात्रेय, थावरचंद गहलोत, आरिफ मोहम्मद खान, हाल में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले मुख्तार अब्बास नकवी, सुमित्रा महाजन, सुरेश प्रभु आदि शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व सरकार में शामिल वरिष्ठ मंत्रियों के नाम पर भी विचार कर सकता है।